यूपी में योगी सरकार की अस्थाई खनन निति को इलाहबाद हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी है। अभी तक खनन पर लगी रोक को हटा लिया गया है अब राज्य सरकार ई-टेंडरिंग के जरिये बालू खनन का परमिट जारी कर सकेगी।
ई-टेंडरिंग से दिया जायेगा खनन पट्टा
- कोर्ट ने सभी याचिकाओं को निरस्त करते हुए छह माह के लिए परमिट दिए जाने की बात कही है।
- खनन निर्धारित मात्रा से अधिक नहीं होगा, इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित की जायेगी।
- यह कमेटी यह देखेगी की खनन कितना हुआ कहीं जितनी अनुमति मिली थी उससे अधिक तो नहीं हुआ।
- खनन के लिए राज्य सरकार अपने नियमों में भी बदलाव करेगी।
- नए नियम के मुताबिक, 15 जून के बाद खनन का पट्टा 5 साल के लिए लिया जा सकेगा।
- स्थाई नीति के तहत ई-टेंडरिंग से खनन पट्टा दिया जायेगा।
- 22 अप्रैल 2017 के शासनादेश से लागू हुई नीति नियम 9ए के तहत खनन में वरीयता नहीं दी जायेगी।
- बता दें कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने पिछले दिनों अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कम समय में अधिकतम 10 मई तक खनन पट्टों के लिए ई-टेण्डरिंग के माध्यम से पारदर्शी ढ़ंग से प्रक्रिया पूरी करना सुनिश्चित किया जाये।
- सीएम ने कहा था कि व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति राज्य सरकार पर उंगली ना उठा सके।
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