उत्तर प्रदेश में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, बाढ़ से सूबे के करीब 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।
बाढ़ राहत कार्यों में लापरवाही पर हाई कोर्ट राज्य सरकार को दिया नोटिस:
- उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में बाढ़ ने भयावह स्थिति की है।
- बाढ़ से सूबे के 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।
- वहीँ उत्तर प्रदेश में आई बाढ़ को प्रशासन और शासन की लापरवाही भी बताया जा रहा है।
- जिसके चलते इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
- नोटिस में बाढ़ के राहत कार्यों का ब्यौरा माँगा है।
- हाई कोर्ट ने यह फैसला बाढ़ राहत कार्यों में लापरवाही पर दाखिल याचिका पर सुनवाई में दिया।
बाढ़ग्रस्त इलाकों के जिलाधिकारी तलब:
- उत्तर प्रदेश में बाढ़ से जूझ रहे इलाकों के जिलाधिकारियों को भी हाई कोर्ट ने तलब किया है।
- इसके साथ ही 1 सितम्बर को मामले की अगली सुनवाई होगी।
- हाई कोर्ट द्वारा वाराणसी, इलाहाबाद, मिर्जापुर, बलिया, चंदौली, भदोही, गाजीपुर के जिलाधिकारियों को तलब किया है।
बाढ़ से हालात बुरे:
- सूबे के अधिकांश इलाके बाढ़ की चपेट में है।
- बाढ़ के चलते सूबे के लाखों लोग अपने घरों से पलायन के लिए मजबूर हैं।
- अधिकांश उत्तर प्रदेश बाढ़ से जूझ रहा है, जिनमें इलाहाबाद, वाराणसी, बलिया, गोंडा, चंदौली।
- इनके अलावा बाराबंकी, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, गाजीपुर और चित्रकूट भी बाढ़ का असर जारी है।
- बाढ़ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रही है।