उच्च न्यायालय ने माखी प्रकरण के मुकदमे का निस्तारण 6 माह में करने का दिया निर्देश
- लखनऊ: माखी प्रकरण के मुकदमे का निस्तारण 6 माह में करने का हुआ निर्देश
- माननीय उच्च न्यायालय ने दिया निर्देश
- माखी प्रकरण में लापरवाही करने पर सी बी आई द्वार चार्ज शीट में आरोपित तत्तकालीन थानाध्यक्ष अशोक भदौरिया व दरोगा के पी सिंह की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत तो कर ली गई किंतु कठिन प्रतिबंध लगाए गए है कि
- मामले से जुड़े गवाहो एवं सबूतों से छेड़छाड़ नही होगी
- एवम सी बी आई कोर्ट को इनके मुकदमे का निस्तारण जल्दी से जल्दी 6 माह के अंदर करने के निर्देश जारी है
इस मुकदमे में भी इन दोनों पुलिस कर्मियों के साथ जांच कर रही सी बी आई ने इस मुकदमे में विधायक कुलदीप सेंगर , टिंकू सिंह , विनीत मिश्रा , माखी थाने में तैनात तत्कालीन दीवान आमिर,शैलेन्द्र सिंह उर्फ टिंकू , विनीत मिश्रा , वीरेन्द्र सिंह उर्फ बउवा , राम शरण सिंह उर्फ सोनू ,व शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह को भी शामिल किया है ।
बता दे कि विगत वर्स अप्रैल 2018 में उन्नाव के माखी कांड में सीबीआई ने विधायक कुलदीप सेंगर व शशि को आईपीसी की धारा 120बी सपठित धारा 363, 366, 376(1) व 506 के साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत भी आरोपी बनाकर पहले 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया था पूछताछ के लिये और बाद मे जेल भेज दिया था ।तबसे वह सीतापुर की जेल में बन्द है ।इस मामले में भी सीबीआई ने आरोप पत्र में कुल 49 गवाह व 40 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं।
- चार जून, 2017 की इस घटना में विधायक सेंगर पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग पीड़िता के साथ अपने आवास पर दुष्कर्म किया। पीड़िता को वहां शशि लेकर गई थी।
- 12 अप्रैल, 2018 को सीबीआई ने इस मामले की एफआर दर्ज कर विवेचना शुरु की थी।
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