हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के जालसाज बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा की पत्नी रेनू ओझा को कोई राहत नहीं दी। अदालत ने फर्जीवाड़ा कर प्लाट अपने नाम कराने के मामले में रेनू ओझा पर दर्ज एफआईआर को चुनौती दिए जाने और गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है।
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दर्ज थी एफआईआर
- आपको बता दें कि बीते कई सालों से लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबू पर जालसाजी का आरोप था।
- जिसमें जांच के बाद करोड़ों का प्लाट अपनी पत्नी के नाम करने की पुष्टि हुई थी।
- यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित की अदालत ने दिया।
- उन्होंने याची रेनू ओझा द्वारा एफआईआर को निरस्त किये जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
- एलडीए के बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा व उनकी पत्नी पर फर्जीवाडें के आरोप लगे थे।
- मुक्तेश्वर नाथ ओझा ने दो प्लाट अपनी पत्नी रेनू ओझा के नाम करा दिया है।
- इस मामले में गोमतीनगर थाने में मुक्तेश्वर नाथ ओझा व उनकी पत्नी रेनू ओझा के नाम एफआईआर दर्ज है।
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- इस एफआईआर को चुनौती देते हुए रेनू ओझा ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग की थी।
- याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने अदालत को बताया कि याची रेनू ओझा के ऊपर आरोप है।
- लिहाजा इनको कोई राहत नहीं दी जा सकती।
- यह भी कहा कि ओझा ने हेरफेर कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और करोड़ों रुपए के प्लाट अपनी पत्नी के नाम करा लिए।
- कहा गया कि इस मामले में मुक्तेश्वर नाथ ओझा का निलंबन भी हो चुका है।
- अदालत ने रेनू ओझा को कोई राहत न देते हुए याचिका खारिज कर दी।
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