प्रदेश सरकार ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को बर्खास्त करने के बाद एक बार फिर मंत्रीमंडल में शामिल कर लिया है। लेकिन इसके बाद भी गायत्री की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। दोबारा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी।
- भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मंत्री का कम समय में अकूत संपत्ति अर्जित करने का मामला भी चर्चा में है।
- गायत्री को दोबारा मंत्री बनाये जाने के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने यह याचिका दाखिल की है।
- याचिका में कहा गया है कि प्रजापति को सीबीआई रिपोर्ट के बाद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते मंत्री पद से बर्खास्त किया गया है।
- इसमें कहा गया कि गायत्री को इसलिए बर्खास्त किया गया क्योंकि उन्होंने राज्यापल का विश्वास खो दिया।
- अनुच्छेद के धारा 164 के तहत ये कहते उन्हे हटाया गया कि उन्होंने राज्यपाल का विश्वास खो दिया है।
- अब जब एक बार उन्होंने विश्वास खोया है तो इतनी जल्दी दोबारा विश्वास कैसे प्राप्त कर लिया।
गायत्री को दोबारा मंत्रीमंडल में शामिल करने पर घिरी अखिलेश सरकार!
सीएम को देना होगा जवाबः
- मामले पर राज्यपाल ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के परामर्श से बाध्य हैं।
- लेकिन वे इस विषय में कानूनी राय जरूर लेंगे।
- उचित समझे जाने पर वह अनुच्छेद 167 के तहत इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी जानकारी मांगेंगे।
- कि आखिर प्रजापति को पहले मंत्री पद से क्यों हटाया गया और अब दोबारा मंत्री क्यों बनाया जा रहा है।