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दौलतपुर गांव की आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी से है पहचान

Daulatpur Village Identity Mahavir Prasad Dwivedi

Daulatpur Village Identity Mahavir Prasad Dwivedi

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला के सरेनी क्षेत्र के दौलतपुर गांव की पहचान कलम के धनी आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी से होती है। खड़ी बोली के जनक होने के कारण दौलतपुर गांव पूरे देश में प्रसिद्ध है। हिंदू साहित्य की बात आती है तो दौलतपुर का नाम लोगों की जुबां पर आ जाता है। गांव में न केवल हिंदू भाषा बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गौरव गाथा भी है। लेकिन जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण गांव का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। कई लोग बीमार हैं। बालिकाओं की शिक्षा के लिए बालिका इंटर कॉलेज, इंटर कॉलेज व अस्पताल, शुद्ध पेयजल हेतु आरओ प्लांट, बारात घर, खेल का मैदान और पर्यटक स्थल के रूप में विकास हो तो गांव की तस्वीर बदल सकती है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]दौलतपुर गांव में सरपंच हुआ करते थे आचार्य [/penci_blockquote]
ब्लाक मुख्यालय से 13 किमी दूरी पर स्थित गांव में 15 मई 1864 में जन्मे आचार्य द्विवेदी का 21 दिसंबर 1938 को निधन हो गया। आचार्य के निधन के साथ सात दशक बाद हिंदू देश की सीमाओं को लांघकर विदेशों में दस्तक दे चुकी है। आचार्य दौलतपुर गांव में सरपंच हुआ करते थे। उनकी न्यायप्रियता के किस्से लोग सुनाते थे। 1997 में हुए प्रथम परिसीमन में गांव को हरीपुर ग्राम पंचायत से जोड़ दिया गया। इस गांव के कटरी क्षेत्र से लगी गंगा नदी है। इस ग्राम पंचायत में हरीपुर, कप्सरी, चक कांटी, साडा पुर, शोभन का पुरवा, भगौती गंज व गांडू मऊ भी आते हैं।

ग्राम पंचायत की आबादी- 24551
महिलाओं की आबादी- 11001
पुरुषों की आबादी- 1355
कुल मतदाता- 1233

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]गांव का गौरव बढ़ा रहे युवा [/penci_blockquote]
इस गांव के युवा प्रशासनिक सेवाओं के साथ ही शिक्षा, रक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं देकर गांव का गौरव बढ़ा रहे हैं। अविनाश वाजपेयी सचिवालय में हैं। केशव वाजपेयी स्वास्थ्य विभाग, गौरी शंकर टेलीफोन, रामबहादुर पुलिस, अमर बहादुर, जंग बहादुर, ब्रम्हा सिंह, यदुनाथ, कुंवर बहादुर सहित दो दर्जन लोग सेना में हैं। राकेश मिश्र शिक्षक हैं। इस गांव में स्थित प्राचीन कामेश्वर मंदिर है, जिसकी दूर-दूर तक ख्याति है। गांव वालों के मुताबिक औरंगजेब जब देश के बड़े-बड़े मंदिरों को तोड़ रहा था तो मंदिर में स्थापित शिवलिंग को भी तोड़ने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। इस गांव में पंचायत भवन, पुस्तकालय, प्राथमिक विद्यालय व जूनियर हाईस्कूल मौजूद हैं। गांव में सभी प्रकार की फसलों की खेती होती है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]क्या कहते हैं जिम्मेदार[/penci_blockquote]
इस संबंध में गांव की प्रधान गीता देवी का कहना है कि विकास कार्य तेजी से कराये जा रहे हैं। पात्र लोगों को पेंशन, आवास के साथ ही शौचालयों का लाभ भी दिलाया गया है। लाभ से वंचित लोगों का सर्वे करके आवेदन कराया जा रहा है। वहीं पूर्व प्रधान बालकृष्ण मिश्र का कहना है कि आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की जन्मस्थली गांव दौलतपुर का शासन से कोई लाभ नहीं मिल सका है। सारा गांव विकास से वंचित है। ढेरों समस्याएं हैं। कांजी हाउस भी नहीं है।

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