राजधानी लखनऊ की (aliganj thana) एक पुलिस चौकी ऐसी है यहां का इतिहास सुनकर आप के कान खड़े हो जायेंगे। भले ही योगी सरकार आते ही पुलिस अधिकारी भी चौकन्ने हो गए गए हों लेकिन इस चौकी की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता। या फिर यूं कहें की जिम्मेदार जान कर भी अंजान बने हुए हैं।
वर्षों से जमे बैठे कई सिपाही
- दरअसल हम राजधानी के अलीगंज थाना क्षेत्र की चांदगंज पुलिस चौकी की बात कर रहे हैं।
- इस चौकी का इतिहास यह है कि यहां वर्षों से जमे बैठे कुछ सिपाही अधिकारियों से ऐसी सेटिंग बनाये हैं कि तबादले का तूफान आने के बाद भी उनपर कोई आंच नहीं आ रही है।
- इन पुलिसकर्मियों पर स्थानीय लोग अवैध वसूली और जुआ, सट्टा खेलवाने सहित अवैध कामों को संचालित करवाने का आरोप लगा रहे हैं।
- भले ही आईजी रेंज के निर्देश पर जमे बैठे पुलिसकर्मियों का तबादला किया जा रहा हो लेकिन यह वहीं तैनात हैं। पेश है एक खास रिपोर्ट…
केस नंबर एक-
- लगभग 15 साल पहले इस पुलिस चौकी पर अशोक सिंह एक सिपाही के रूप में तैनात हुए।
- इन महाशय में इलाके में अपना ऐसा प्रभाव बनाया कि यह यहीं स्थापित हो गए।
- पुलिस अधिकारियों से सेटिंग के चलते जमे बैठे रहे।
- इनका इस क्षेत्र से कोई तबादला नहीं करवा सका।
- सिपाही से दीवान और दरोगा का प्रमोशन पाने के बाद इसी चौकी के इंचार्ज भी हुए।
- अशोक पर आरोप है कि वह क्षेत्र में अवैध धंधे जैसे सट्टा और जुआ खेलवना, क्षेत्र के पटरी दुकानदारों से वसूली करवाते हैं।
- जो इनकी इनकी प्राथमिताओं में आता है।
- वर्तमान समय में यह पीआरवी 493 में तैनात हैं।
- लेकिन क्षेत्र का मोह नहीं छूटा इसके चलते इन्होंने अपनी तैनाती इसी इलाके में करवाई है।
केस नंबर दो-
- यहां के स्थानीय लोगों की माने तो करीब 12 साल पहले इस चौकी पर सिपाही रवींद्र कुमार की तैनाती हुई।
- इन्होंने भी अपना गुरु अशोक को माना और उनके संरक्षण में काम करने लगे।
- इन्होंने भी क्षेत्र में अपना दबदबा बनाया और यहीं जम गए।
- इसके बाद किसी अधिकारी की इनको भी हटाने की जहमत नहीं उठाई।
- इन पर भी कई अवैध कामों को संचालित करवाने का आरोप है।
- वर्तमान समय में यह अपने आका अशोक के साथ ही पीआरवी में तैनात हैं।
केस नंबर तीन-
- पिछले कई सालों से अलीगंज थाने (aliganj thana) की सिपाही राज नारायण जीप चलाते हैं।
- इन पर कपूरथला के आसपास लगने वाले ठेले-खोमचे, पटरी दुकानदारों से वसूली करने का आरोप है।
- आरोप है कि यह सिपाही अपने आलाधिकारियों को रोजमर्रा का सामान, खाने पीने का सामान पहुंचता है।
- इसके चलते कई बार तबादला होने के बाद भी यह फिर इसी थाने में वापस आ जाता है।
- मजे की बात तो यह है कि ड्राइवर के तीन लोडर सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी में लोडर चलते हैं।
- इसके अलावा 4 गाड़ियां ट्रैवेल पर चल रही हैं।
- लेकिन जिम्मेदार जानकर भी अंजान बने हुए हैं।
नए रिक्रूट अधिकतर बिताते हैं समय
- यह तो महज बानगी भर के लिए काफी हैं।
- इसके अलावा (aliganj thana) इसी चौकी पर कई सालों से सिपाही असलम, एहसानुल हुदा भी वर्षों से जमे बैठे हैं।
- स्थानीय सूत्रों की माने तो इस चौकी में पर्याप्त जगह है।
- लेकिन यहां अधिकतर नए रिक्रूट रात्रि के समय देखे जा सकते हैं, जो यहीं रहते हैं।
- वहीं सीनियर पुलिसकर्मी क्षेत्र में ही एसी रूम किराये पर लेकर रहते हैं।
- हमने यह केवल अधिकारियों को आगाह करने के लिए जानकारी दी है।
- इसके अलावा शहर के कई थानों में सैकड़ों सिपाही ऐसे हैं जो अपनी सेटिंग के चलते वर्षों से जमे बैठे हैं।
- लेकिन सत्ता और अधिकारियों तक पहुंच के दम पर इनको हटाना बड़ा मुश्किल काम है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- भले (aliganj thana) थाने की जीप चलाकर एक ड्राइवर ट्रैवेलर बन गया हो या फिर सैकड़ों सिपाही मलाईदार थानों पर जमे बैठे हों।
- लेकिन इसकी किसी को परवाह नहीं है।
- हालांकि इस मामले में एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है।
- अगर ऐसा है तो इसकी जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे।
- बता दें की अभी पिछले दिनों ही आईजी रेंज जय नारायण सिंह ने पारा थाने का निरीक्षण किया था और यहां वर्षों से जमे बैठे 50 सिपाहियों को लाइन हाजिर किया था।
- परंतु कुछ थानों पर जमे बैठे सिपाही और दरोगाओं की तरफ अधिकारियों की भी नजर नहीं जाती है।
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