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उन्नाव में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से हुआ 40 लोगों को एड्स

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से करीब 40 लोगों के एचआईवी एड्स हो गया। मरीजों के एचआईवी पॉजिटिव होने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इस संबंध में डिप्टी सीएमओ उन्नाव तन्मय कक्कड़ ने बताया कि बेसिक जांच में झोलाछाप डॉक्टर के अलावा लंबे समय तक बाहर रहने वालों का भी तथ्य सामने आया है। यह बेहद संवेदनशील मामला है। इसकी जांच की जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी।

वहीं, जिला अस्पताल के आईसीटीसी सेंटर के काउंसलर पंकज कुमार शुक्ला के अनुसार, बांगरमऊ में एक साल के अंदर एचआईवी के 56 मामले सामने आये हैं। उन्होंने इस बीमारी से आशंकित लोगों को आईसीटीसी सेंटर पहुंचने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि एड्स की रोकथाम के लिए एचआईवी जागरूकता के लिए अभियान भी चलाया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग ने बांगरमऊ थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

पीड़ितों के बयान के आधार पर होगी गिरफ्तारी

लोगों से बातचीत में झोलछाप डॉक्टर का रोल साफ होने के बाद सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रमोद कुमार दोहरे ने बांगरमऊ थाने में ‘साइकल पर घूमकर लोगों का इलाज करने वाले’ अज्ञात शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह के अनुसार जांच जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से पीड़ितों की लिस्ट के अलावा पूरी जांच रिपोर्ट और आरोपी की जानकारी मांगी गई है। पीड़ितों के बयान के आधार पर गिरफ्तारी होगी। अब तक उन्होंने कोई संतोषजनक सबूत नहीं सौंपा है।

संक्रमित इंजेक्शन से हुआ एड्स

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उन्नाव जिले की बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में साइकल पर घूमकर झोलाछाप डॉक्टर ने लोगों का इलाज किया। एक संक्रमित इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करने से करीब 40 लोग एचआईवी संक्रमण की चपेट में आ गए। फिलहाल 20 लोगों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हो गई है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि किसी व्यक्ति को बिना किसी खास के वजह से बुखार आता है या वह लगातार डायरिया से पीड़ित रहता है तो उसे एचआईवी जांच जरूर करानी चाहिए। इसके साथ ही लगातार सूखी खांसी आने, मुंह में सफेद छालों के निशान होना, बहुत ही कम समय में वजन का कम होना, शरीर में लगातार थकान के बने रहना, डिप्रेशन व याद्दाश्त का कम होने पर भी एड्स की जांच करानी चाहिए।

साईकिल पर झोलाछाप करते हैं इलाज

जानकारी के अनुसार, नवंबर-2017 में बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में एक एनजीओ ने हेल्थ कैंप लगाया था। इसमें जांच के दौरान कुछ लोगों में एचआईवी संक्रमण के लक्षण मिले। इन्हें आगे की जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। वहां कई लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। काउंसलिंग के दौरान पता चला कि क्षेत्र में लोगों का इलाज करने वाला एक झोलाछाप डॉक्टर एक इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करता था। उससे ही यह संक्रमण फैला। रिपोर्ट जिले के बड़े अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने बांगरमऊ में जनवरी में अलग-अलग तीन स्वास्थ्य शिविर लगवाए। यहां 500 से ज्यादा लोगों की जांच में 40 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिले। इन्हें बाकी जांचों के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। इनमें 20 को संक्रमण की पुष्टि हो गई, जबकि बाकी मरीज कानपुर के एआरटी सेंटर पर जांच करवा रहे हैं। जिन लोगों में अब तक इन्फेक्शन की पुष्टि हुई है, उनमें चार-पांच बच्चे भी हैं।

ऐसे करें बचाव

असुरक्षित यौन संबंधों से बचना चाहिए।
खून को अच्छी तरह जांचकर ही चढ़ाना चाहिए।
उपयोग की हुई सुइयों या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
दाढ़ी बनवाते समय नाई से नया ब्लेड प्रयोग करने के लिए कहना चाहिए।

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