अस्पतालों द्वारा बरती जा रही लगातार लापरवाही की ख़बरों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने यूपी सरकार नोटिस जारी  कर दिया है| इस नोटिस में ख़बरों में आये कुछ मामलों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार से 4 हफ़्तों में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है|

किन ख़बरों पर ‘एनएचआरसी’ ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

मिर्जापुर में 70 साल के एक बुजुर्ग को अपनी बहू को अपने कंधे पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था |

  • मिर्जापुर जिला अस्पताल में  चार सितंबर को एक महिला को लाया गया था|
  • डाक्टरों ने करीब पांच घंटे तक इस महिला का इलाज शुरू नहीं किया|
  • परिवार वालों ने इलाज न होता देख कर महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया|
  • जहाँ निजी अस्पताल ने उन्हें फिर से जिला अस्पताल भेज दिया|
  • अस्पताल में  कोई स्ट्रेचर नहीं था| जिस कारण महिला के ससुर को उसे अपने अपने कन्धों पर उठा कर पहुँचाना पड़ा |
  • 6 सितम्बर महिला को वाराणसी रेफर किया गया जहाँ उसकी मृत्यु हो गयी|

दूसरा मामला एक बच्चे का मौत का है |

  • इस मामले में आयोग ने कहा कि कानपुर के एक सरकारी अस्पताल में
  • एक पिता को अपने 12 साल के बेटे को कंधे पर ले जाना पड़ा
  • क्योंकि वहां कोई स्ट्रेचर नहीं था|
  • बाद में उस बच्चे की मौत हो गयी|

एक अन्य मामले में एंबुलेंस चालक ने एक शव को उसके गांव तक ले जाने के लिए मांगे 1500 रूपए |

  • कासगंज जिले के एक मामले में एक एंबुलेंस चालक ने एक शव को उसके गांव तक ले जाने के लिए 1500 रूपए मांगे|
  • परिवार वाले शव मोटरसाइकिल द्वारा ले जाने के लिए मजबूर हुए|
  • बाद में कुछ लोगों ने निजी एम्बुलेंस की व्यवस्था की जिससे शव को उसके गाँव तक पहुँचाया जा सका|

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