उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से इन दिनों नदियां बाढ़ के कहर से उफनाई हुई हैं। गंगा, यमुना, घाघरा, गोमती सहित सभी प्रमुख नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से यूपी के ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं बल्कि शहर भी उफनाए हुए हैं। शहरों में गलियां, सड़कें, जलमग्न होने से स्वीमिंग पूल बन गई है। प्रशासन की लचर व्यवस्था की मार आम जनता झेल रही है। ज्यादातर राहत और बचाव कार्य कागजों पर ही चल रहा है और भ्रष्ट अधिकारी सरकारी धन की बंदरबांट में जुटे हुए हैं।
ताजा मामला राजधानी लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र के गणेश गंज का है। यहां भारी बारिश के कहर से एक जर्जर मकान का कुछ हिस्सा भरभराकर गिर गया। चीख पुकार सुनकर दौड़े पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पुलिस और प्रशासन के लोग पहुंचे। पुलिस ने जेसीबी की मदद से मलबा हटवाने का काम शुरू किया। आसपास के लोगों ने मलबे में दबी माँ सरिता और उसकी बेटी आशी को निकाला। पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया यहां बच्ची की मौत होने की खबर मिली जबकि उसकी माँ का इलाज जारी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में काफी मकान ऐसे हैं जो काफी पुराने होने की वजह से जर्जर हो गए हैं। इसके चलते इनके गिरने का भी खतरा मड़रा रहा है। फ़िलहाल पुलिस और प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा था।
प्रत्यक्षदर्शी और पड़ोसी सुमन अवस्थी ने बताया कि हम पूजा कर रहे थे। तभी मकान गिरने की आवाज आयी। हमने कहा कि देखो पूजा तुम्हारा मकान गिर रहा है। इतनी देर में मकान भरभराकर गिर गया। वह चीखी तो लोग दौड़े और मलबे में दबे लोगों को निकालने लगे। बता दें कि ये कोई लखनऊ का ही हाल नहीं है बल्कि यूपी के हर जिले का है। लेकिन लचर व्यवस्था के चलते बाढ़ और जलभराव से हाहाकार मचा हुआ है। फिलहाल बाढ़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। नदियों के किनारे बसे गांवों को सुरक्षित जगह पर भेजा जा रहा है। बारिश के चलते मिट्टी धंसने से मकानों के गिरने का खतरा बढ़ गया है।
#Lucknow : थाना नाका क्षेत्र के गणेश गंज में मकान गिरने के मामले में घटना देखने वाली प्रत्यक्षदर्शी सुमन अवस्थी का बयान. @lucknowpolice @Uppolice @AdminLKO pic.twitter.com/8Bb3C0URYO
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) August 3, 2018