बलिया का लगभग पूरा इलाका बाढ़ की चपेट में है! दो साल पूर्व भी बाढ़ ने जिले में तबाही की थी, जिससे अभी तक लोग उबरने में लगे थे! इस साल भी बाढ़ ने लोगों का जीना हराम कर दिया! स्थिति ऐसी है कि लोग अपना घर छोड़कर जाने को मजबूर हैं!
जिले में बाढ़ का आलम ये है कि शायद ही कोई इलाका जो नदी के आस-पास हो , वो सुरक्षित बचा हो! बचाव कार्य और राहत सामग्री के नाम पर भी औपचारिकता पूरी की जा रही है! कटान के बढ़ते स्तर को देखते हुए घाट के नजदीक के परिवार अब अपना घर छोड़कर जाने लगे हैं! घर को खाली कर दिया जाता है, सारे सामान निकाल लिए जाते हैं और फिर वहां नदी की धारा पहुंचकर घरों को अपने आगोश में ले लेती है!
बाढ़ के पानी में डूबता जा रहा है सबकुछ:
- रामगढ़, चौबेछपरा, केहरपुर और ग्रामसभा गोपालपुर की स्थिति और भी भयावह है!
- इस इलाके के लोग रात में सो नही पाते हैं कि क्या पता कब पानी उनके घर के अन्दर दाखिल हो जाए!
- रिंग बांध से घिरा हुआ ग्रामसभा गोपालपुर, जहाँ पर सरकारी पानी की टंकी से लेकर ग्रेजुएशन तक के कॉलेज भी हैं!
- सरकारी संपत्ति को तो जो नुकसान होता है, सरकार भरपाई कर देती है!
- लेकिन जो गाँव के लोगों का नुकसान होता है, वो गाँव के लोगों के अलावा कोई नहीं समझ पाता है!
- आज स्थिति ऐसी है कि जनप्रतिनिधि जाकर दो फोटो खिंचवाकर चले आते हैं!
- लकड़ियों के बेड़े बनाकर उनमें पत्थर भरकर पानी की धारा रोकने की कोशिश की जा रही है!
- बचाव दल का कहना है इसका खास लाभ नही मिलेगा!
- प्रशासन को ये काम जून में ही पूरा करना था!
- लेकिन ये सब अब हो रहा है!
- गंगा का पानी लगभग रिंग बांध की ऊंचाई को पार करके राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को छूने के लिए बेताब है!
वीडियो:
https://youtu.be/J2RlcpQG7Fo
प्रशासन की लापरवाही का नतीजा अब करीब इस गाँव की 6000 जनता को भुगतना पड़ रहा है! अबतक सहायता के नाम पर NDRF पहुँच पायी है! लेकिन अगर बाढ़ के पानी को रोकने का इंतजाम किया गया होता तो आज सैकड़ों लोग पलायन को मजबूर नही होते!
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