कैराना सांसद हुकुम सिंह द्वारा कैराना से पलायन किये गये लोगों की सूची पर बवाल और सवालों के बीच सांसद ने एक और नई सूची जारी कर दी है। यह सूची उन 346 परिवारों से अलग है, जिसमें कैराना के साथ ही आसपास के कस्बों से घर छोड़कर जाने वालों के नाम शामिल थें।वहीं, जिला प्रशासन ने पूर्व में जारी की गई पलायन करने वालों की सूची का सत्यापन कराया, जिसमें सांसद के दावों को खारिज किया जा रहा है।

लिस्ट को साम्प्रदायिक रंग दिया गयाः

  • कैराना सांसद हुकुम सिंह ने कैराना विधानसभा के कांधला कस्बे से 63 लोगों के पलायन करने की लिस्ट आज जारी की है।
  • क्षेत्र से लोगों के पलायन करने की दूसरी लिस्ट जारी करते हुए सांसद ने कहा कि लोगों ने मजबूर होकर कैराना छोड़ा है।
  • सांसद हुकुम सिंह ने अपन पूर्व के बयान से पलटते हुए आरोप लगाया कि मेरी लिस्ट को साम्प्रदायिक रंग दिया गया है।
  • सांसद ने दूसरी सूची जारी करते हुए कहा कि कुछ मुस्लिम लोगों ने भी कैराना से पलायन किया है। उन्होने कहा कि कांधला में लोगों से रंगदारी मांगी गई जिससे परेशान होकर लोग पलायन कर रहें हैं।
  • हुकुम सिंह ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लिस्ट बनाई है, क्षेत्र में आम लोगों को न बोलने की धमकी दी गई है।

कैराना में कश्मीर जैसे हालातः

  • गौरतलब है कि सांसद हुकुम सिंह ने पिछले दिनों सूची जारी कर दावा किया था कि कैराना से 346 हिंदू परिवार बीते ढाई साल में दहशत के कारण पलायन कर गए हैं।
  • इसके अलावा प्रशासन ने भी नौ ऐसे परिवार माने हैं, जिन्होंने आपराधिक घटनाओं के कारण कैराना से घर-परिवार और कारोबार छोड़कर चले गए।
  • उधर, मुस्लिम युवाओं ने जिलाधिकारी को 40 नामों की वार्डवार सूची देकर कहा कि रोजगार और दूसरे कारणों से यह लोग भी कैराना छोड़कर गए हैं।
  • सांसद ने यह भी कहा था कि विशेष वर्ग के लोगों द्वारा टारगेट बनाकर वारदातें करने के कारण लोगों को मजबूरी वश पलायन करना पड़ा।
  • साथ ही कहा था कि कैराना में कश्मीर जैसे हालात पैदा किए जा रहे हैं। सांसद के इस दावे और सूची जारी करने के बाद हल्ला मचा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा था।
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