उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिलें में भी संक्रामक रोग लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. जिसके चलते जिले के माखी थाना क्षेत्र के मोल्हे खेड़ा में करीब आधा सैकड़ा लोग बीमार हो गए।
नहीं मिल रही सरकारी सहायता:
गोरखपुर में संक्रामक बुखार के बाद बहराइच और अब उन्नाव. ये बुखार लोगों का खास कर के बच्चों का काल बन गया हैं. बुखार के साथ टांसिल फूलने के कारण सांस लेने में दिक्कत जैसी भारी बीमारियों से बच्चे ग्रसित हो रहे है।
जिसके चलते एक लड़की की मौत भी हो चुकी है। अभी भी तीन दर्जन से अधिक लोग बीमारी का शिकार बने हुए है।
टांसिल से मौत के बाद गांव में दहशत व्याप्त है। वहीं सरकारी सहायता न मिलने पर ग्रामीण निजी चिकित्सक से इलाज कराने को मजबूर हो रहे है।
7 साल की बच्ची की बुखार से मौत:
जिले के थाना क्षेत्र के भदेवना के मजरा मोल्हे खेड़ा में संक्रामक रोगों ने पांव पसार लिया है।
बीमारी को लेकर गांव के सुरेश ने बताया कि बेटी राधिका (7) को करीब एक सप्ताह से बुखार आ रहा था।
उसके बाद उसके टांसिल में सूजन आ गयी। जिसके चलते जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है।
आधा सैकड़ा बीमार:
इसी तरह गांव के नंदनी, प्रियंका, सुनील, दिलीप, प्रांशू, अंकित, अभिषेक, शिवांशी, कैलाश, संतराम, ज्ञानू, संतोषी, आदर्श, रामजी, लक्ष्मी, सचिन, रामसिंह, प्रदीप, अर्जुन, मिलन, सौरभ, शिव शंकर, धर्मपाल समेत लगभग आधा सैकड़ा लोग बीमारी की चपेट में हैं.
गंदा पानी बना बिमारी का कारण:
ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ में गांव के अंदर कीचड युक्त पानी भरा था। जिसके कारण संक्रमण फैल गया है।
बताया जा रहा है कि लोगों को पहले बुखार आता है फिर गले में दर्द के बाद सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में काफी कठिनाई होती है।
इसी के चलते बच्ची की मौत भी हो चुकी है, लोगों ने बताया कि सरकारी सहायता न मिलने की वजह से लोग निजी चिकित्सक से इलाज कराने को मजबूर हैं।
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