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ससुराल में घुसने पर रोक, बच्चों संग घंटों बाहर खड़ी महिला ने बुलाई पुलिस

Husband refused to enter in-laws woman in meerut

Husband refused to enter in-laws woman in meerut

उत्तर प्रदेश के मेरठ किला में दहेज की मांग को लेकर एक विवाहिता को उसके ससुराल वालों ने दो बच्चों संग घर से निकाल दिया। पीड़िता अपनी ससुराल के बाहर खड़ी थी वह अंदर जाने की कोशिश में थी लेकिन ससुराल वालों ने घर का गेट बंद कर लिया। करीब दो घंटे तक विवाहिता घर के बाहर तेज धूप में मासूम बच्चों के साथ खड़े होकर जब परेशान हो गई तो पीडिता ने 100 नंबर डॉयल कर पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पीआरवी ने महिला को अपने साथ लेकर थाने पहुंची यहां पुलिस महिला के ससुराल पक्ष को बुलाकर मामले में समझौता करने में जुट गई।

थाना तो दूर महिला एसएसपी के यहां नहीं मिली पीड़िता को मदद

पीड़िता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ को दी गई शिकायती पत्र में कहा है कि 15 फरवरी 2014 को अभय अग्रवाल पुत्र राजेंद्र अग्रवाल निवासी 122/2 शास्त्री नगर निकट सुमित नर्सिंग होम थाना चंदी मेरठ के साथ उसकी हिंदू रीति-रिवाज के साथ शादी हुई थी। पीड़िता के दो बच्चे हैं इनका नाम युग (3 वर्ष) हुआ भव्य (2 साल) है। शादी में पीड़िता के पिता ने करीब 25 लाख रुपए जिसमें एक वैगनआर कार भी दी थी। शादी के बाद से ही पति अभय अग्रवाल व ससुर राजेंद्र अग्रवाल तथा नंदोई अनिल कुमार गुप्ता निवासी साकेत थाना मेरठ मुझे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे।

आरोप है कि दहेज के लिए सभी मारपीट करते थे। पीड़िता अपनी गृहस्थी चलाने के लिए सब कुछ सहती रही। आरोप है नंदोई मुझ पर गलत नियत रखते थे तथा उसके नंदोई कई बार गलत नियत से छेड़छाड़ बदतमीजी कर चुके हैं। पीड़िता ने इस बारे में अपने ससुर व सास और पति को बताया तो उन्होंने कभी साथ नहीं दिया तथा मुझे ही गलत समझने लगा। पीड़िता ने इसका विरोध किया तो 7 फरवरी 2018 को मेरे पति ससुर नंदोई ने मारपीट की तथा रात के करीब 11:00 बजे उसे दोनों बच्चों सहित पहने हुए कपड़ों में ही घर से बाहर निकाल दिया।

पीड़िता का कहना है कि इस दौरान ससुराल वालों ने कहा कि जब तक अपने पिता से 1,00,000 रुपये लाकर नहीं दोगी तब तक हम तुम्हें अपने घर में नहीं रखेंगे। पीड़िता 6 मार्च 2018 को सुबह 11:00 बजे अपने ससुराल गई तो ससुराल के लोगों ने मेरे बच्चों को भी घर में नहीं घुसने दिया। ससुराल वालों ने इस दौरान कहा कि एक लाख लाओगी तभी अंदर आ सकती हो। इसकी शिकायत पीड़िता ने नौचंदी थाने में की लेकिन नौचंदी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

मजबूर होकर पीड़िता SSP के पास गई, लेकिन एक महिला एसएसपी होने के बाद भी कप्तान के यहां से उसे कोई इंसाफ नहीं मिला। इसके चलते पीड़िता एक बार फिर मंगलवार को अपनी ससुराल गई। वहां उसके पहुंचते ही ससुराल वालों ने घर का दरवाजा बंद कर लिया। पीड़िता करीब डेढ़ घंटे तक घर से बाहर खड़ी रही। बच्चे घर में घुसने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। इसके बाद पीड़िता ने 100 नंबर डायल करके पुलिस को बुलाया। मौके पर पहुंची पीआरवी 0562 पुलिस ने पीड़िता को अपने साथ लेकर नौचंदी थाने गई। यहां पुलिस आगे की कार्यवाही में जुट गई थी।

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