भाजपा नेता आईपी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और आरएसएस पर (alleges corruption) गंभीर आरोप लगाए हैं। इसका कारण यह भी हो सकता है कि एबीवीपी से भाजपा पार्टी में आने के बाद उन्हें किनारे कर दिया गया है।
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- ये वही भाजपा नेता हैं जिनके खिलाफ सपा सरकार में कई आपराधिक मुकदमें दर्ज कराये गए थे।
- सूत्रों के हवाले से आरोपों से भरी खबर यह भी है कि कहने को तो ये नेता भाजपा का प्रवक्ता है लेकिन मोदी के मिशन 2019 में ये अभी से सेंध लगाने की कोशिश में है।
- यूपी में योगी सरकार मोदी के अजेंडे को आगे बढ़ा कर साल 2019 में कम से कम 60 -65 सीटें जीतने का लक्ष्य बना रही है।
- लेकिन कुछ नेताओं की वजह से पार्टी का ये सपना चकनाचूर होता दिखाई दे रहा है।
- मोदी को अगर लोकसभा में फिर से बहुमत लाना है तो उन्हें खुद यूपी में हस्तक्षेप करना होगा।
- इसके बाद ही शायद उनके सपने साकार हो सकते हैं।
- फिलहाल मामला चाहे जो हो यह तो जांच का विषय है।
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भ्रष्टाचार का भेड़िया कालिदास मार्ग
- सुनने में आ रहा है कि चार मंत्रियों को छोड़कर भ्रष्टाचार का भेड़िया कालिदास मार्ग पर मंत्रियों की कोठी में फिर छुपकर बैठ गया है।
- आरोप है कि योगी सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग का गोरखधंधा शुरू हो गया है।
- इसकी खुली शिकायत खुद बीजेपी के सांसद मोदी से कर रहे हैं।
- कहा जा रहा है कि यूपी में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई भाजपा गर्त में जाती दिखाई दे रही है।
- राजनीति में चर्चा है कि आईपी सिंह ने आरएसएस, पीएम मोदी, अमित शाह, सीएम योगी के खिलाफ अंदरूनी तौर पर मुहिम छेड़ रखी है।
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चकनाचूर हो सकते हैं पीएम मोदी के सपने
- अगर ऐसा ही रहा तो पीएम मोदी के 2019 में दिल्ली की कुर्सी पर दोबारा बैठने के सपने धरे के धरे रह जायेंगे।
- कहा यह भी जा रहा है कि 14 साल का बनवास काट कर सत्ता में लौटी भाजपा (alleges corruption) यूपी में ही दम तोड़ देगी।
- इस अंदरूनी कलह के चलते सपा, बसपा सत्ता में लौटती दिखाई दे रही है।
- जबकि भाजपा यूपी से अब भटकती दिखाई दे रही है।
- इसका कारण यह बताया जा रहा है कि यूपी में शिखर स्तर तक पहुंचे जिस भ्रष्टाचार पर मोदी और शाह ने अपनी हर चुनावी रैली में प्रहार किया था।
- उस भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ के संकल्प को मोदी के ही मंत्री और नेता भूलने लगे हैं।
- जिस क्राइम ग्राफ को भाजपा ने कम करने का चुनावी जनसभाओं में दावा किया था वह लगातार बढ़ रहा है।
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लक्ष्मीकांत को एक ग्लास पानी को भी नहीं पूछ रहा कोई
- दिल्ली के एक न्यूज़ पोर्टल के अनुसार, राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी है कि मोदी और योगी की तरह ईमानदार बहुत कम हैं।
- लेकिन उनके मंत्री और नेता जिस कदर भ्रष्टाचार पर आमदा हैं वह किसी से छिपा नहीं।
- कहा जा रहा है कि नोएडा में अरबों रूपए के घोटालों को बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने खोला था।
- स्कूटर से चलने वाले बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत की छवि ईमानदार नेता वाली थी।
- लेकिन चुनाव हारने के बाद पार्टी ने लक्ष्मीकांत को कार्यकर्ता तक की अहमियत नहीं दी ना ही उन्हें कोई एक ग्लास पानी तक को पूछता है।
- वहीं सपा सरकार में भ्रष्टाचार की सदन में लड़ाई लड़ने वाले सुरेश खन्ना ने लड़ी तो सड़कों पर लक्ष्मीकांत ने यह लड़ाई लड़ी।
- खन्ना चुनाव (alleges corruption) जीते तो उन्हें वरिष्ठता के आधार पर कैबिनेट में जगह दी गई लेकिन लक्ष्मीकांत को अहमियत नहीं दी गई।