उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले और कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की मौत बीते 17 मई को राजधानी लखनऊ में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी, आईएएस अनुराग तिवारी की लाश हजरतगंज के मीराबाई मार्ग स्थित VIP गेस्ट हाउस के बाहर सड़क पर मिली थी। इसी क्रम में मामले में नया मोड़ आ गया है।
डायल 100 को सुबह मिली थी सूचना, किया गया था नजरअंदाज:
- राजधानी लखनऊ में आईएएस अनुराग तिवारी की मौत संदिग्ध अवस्था में हुई थी।
- जिसके बाद सोमवार को मामले में नया मोड़ आ गया है।
- एक राहगीर द्वारा 17 मई की सुबह 5.23 बजे डायल 100 को फोन कर अज्ञात व्यक्ति के गिरे होने की बात कही गयी थी।
- सुबह 5.36 पर अज्ञात शव का मैसेज वायरलेस पर प्रसारित हुआ था।
- इन बातों का खुलासा कॉल डिटेल में हुआ है।
- सूचना देने वाला राहगीर अपनी नाईट शिफ्ट खत्म कर के घर लौट रहा था।
पुलिस की लापरवाही आई सामने:
- आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में एक नया खुलासा हुआ है।
- जिसमें डायल 100 को सुबह 5.23 बजे VIP गेस्ट हाउस के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति के गिरे होने की बात कही गयी थी।
- वहीँ मामले में अनगिनत लापरवाही कर चुकी लखनऊ पुलिस की एक और लापरवाही सामने आई है।
- पुलिस डायल 100 पर सुबह 6.10 बजे सूचना मिलने की बात कर रही है।
सूचना देने वाला किया गया अंडरग्राउंड:
- सूत्रों के मुताबिक, मामले में पुलिस ने अपनी लापरवाही को खुलते देख सूचना देने वाले को अंडरग्राउंड कर दिया है।
- अनुराग तिवारी के मामले की जांच SIT को सौंपी गयी है, जिसके हेड CO हजरतगंज हैं।
- CO हजरतगंज के नाम इससे पहले भी लापरवाहियां दर्ज हो चुकी हैं।
- गायत्री प्रजापति को जमानत दिलाने के मामले में भी CO हजरतगंज पर सवाल उठे थे।
- जिसके बाद लखनऊ पुलिस फर्स्ट कॉल टाइमिंग को गलत बताकर अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश करती नजर आ रही है।