आईएएस अनुराग तिवारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में मौत की अंतिम वजह सांस रुकना बताया गया है, लेकिन उससे पहले शरीर पर चोट के निशान (एंटी मोर्टल इंजरी) की बात भी कही गई है। इस वजह से पुलिस और एसआईटी की टीम बैंगलुरु तक मौत के सुराग तलाश करेगी। आईएएस अनुराग के बिसरा (दिल और फेफेड़े) को सुरक्षित रख लिया गया है। फिलहाल, मौत की असल वजह अभी तक सामने आ नहीं पाई है। बता दें, बिसरे को फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है। जल्द ही फॉरेंसिक रिपोर्ट भी आएगी। मौत की जांच के लिए एसआईटी टीम कल बैंग्लुरु रवाना होगी।
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क्या है पूरा घटनाक्रम?
- आईएएस अनुराग LDA वीसी के साथ 19 नंबर कमरे में मीराबाई मार्ग गेस्ट हॉउस में रुके थे।
- गेस्टहाऊस के पास लगे ट्रांसफार्मर के सामने सड़क किनारे बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे आईएएस का शव पड़ा मिला।
- राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
- पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
- तलाशी के दौरान पुलिस को आईएएस की जेब से पर्स और कुछ पैसे मिले।
- आईएएस की जेब से मिले आई कार्ड के आधार पर उनकी शिनाख्त की गई।
- प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो, मृतक अधिकारी के मुंह और सिर पर चोट के निशान थे।
- सूचना मिलते ही आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह, एसएसपी दीपक कुमार सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।
- एसएसपी ने बताया, प्रारंभिक पड़ताल में यह सामने आया है कि उन्होंने मंगलवार की रात करीब 11 बजे अपने साथियों के साथ खाना खाया।
- आशंका है कि वह सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले होंगे और उनकी सड़क पर गिरने से मौत हो गई।
- पूछताछ में पता चला कि वह मसूरी में ट्रेनिंग लेने के बाद दो दिन पहले लखनऊ आए थे।
- फिलहाल मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है।
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एसएसपी के आदेश पर दर्ज हुआ केस
- मृतक आईएएस के भाई मयंक ने बताया कि उन्होंने हत्या का केस दर्ज कराने के लिए एसएसपी को प्रार्थनापत्र दिया था।
- एसएसपी दीपक ने तत्काल हजरतगंज कोतवाली प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने के लिए आदेश दिया।
- इसके बाद हजरतगंज कोतवाली प्रभारी ने तहरीर के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या 411/17 के तहत आईपीसी की धारा 302 का अभियोग पंजीकृत कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
- हालांकि अभी तक की पुलिस पड़ताल में पुलिस को कुछ पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगे हैं।
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