कर्णाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी और उनका शव लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाउस के नजदीक सुबह लावारिश हालत में पाया गया था. मामला सामने आने पर शहर में ये खबर तेजी से फैली और इस मुद्दे पर विधानसभा की कार्रवाही के दौरान विपक्ष ने सवाल भी उठाये थे.
पोस्टमार्टम पर परिजनों ने उठाये सवाल:
मेडिकल जाँच के बाद जो बातें सामने आई उससे आईएएस अनुराग के परिजन संतुष्ट नहीं है उनको अंदेशा है कि रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की गई है या कुछ अहम बातें छिपाई गई हैं. परिजन इसे सामान्य हालात में हुई मौत मानने की स्थिति में नहीं हैं, और उनकी बातों को बल देने के लिए कुछ अनसुलझे सवाल अभी भी लखनऊ की फिजा में तैर रहे हैं.
अनसुलझे सवालों के जवाब ढूंढने होंगे SIT को:
- कभी मॉर्निंग वाक पर न जाने वाले अनुराग अचानक मोर्निंग पर कैसे गए?
- मॉर्निंग वाक के दौरान उनका फोन न लेकर जाना और केवल ID कार्ड ले जाना भी सवालों के घेरे में है.
- परिजनों का दावा है कि अनुराग अपना फोन कहीं नहीं छोड़ते थे.
- आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के समय को लेकर भी सन्देह बना हुआ है.
- आईएएस अनुराग को गेस्ट हाउस से निकलते या वाक करते भी किसी ने नहीं देखा.
- उनकी मौत के समय में करीब 18 से 24 घंटे का अंतर बताया जा रहा है.
- ऐसे में उनकी मौत कब हुई थी, इसपर भी सवाल उठ रहे हैं.
- जो बातें सामने आ रही हैं, उसके आधार पर उनकी मौत घटना वाली सुबह न होकर पिछली रात होने का अंदेशा जताया रहा है.
- गेस्ट हाउस में CCTV का ना होना और किसी का भी आईएएस अनुराग को घटनास्थल पर मौत से पूर्व न देखना अपने आप में सवाल उठा रहा है.
कहाँ है आईएएस अनुराग का CUG:
- उसी दिन उनका जन्मदिन भी था और उनके नंबर पर तमाम बधाई सन्देश आ रहे थे.
- जिनका उन्होंने जवाब भी दिया गया है, तो सवाल ये भी है कि वो कौन दे रहा था.
- आईएएस अनुराग के पास एक CUG नंबर भी था जो कि अभी लापता बताया जा रहा है.
- अगर CUG नंबर गायब है तो वो नंबर किसने गायब किया?
- परिजनों का कहना है कि उसी नंबर से उनकी तमाम अधिकारियों से बातें होती थीं. ऐसे में उनका नंबर लापता होना साजिश की तरफ इशारा कर रहा है.
- आईएएस अनुराग की मौत की जाँच के लिए SIT का गठन किया गया है लेकिन अभी तक कोई भी सुराग मिलता दिखाई नहीं दे रहा है और पुलिस इस मामले पर अभी कुछ भी कहने से बचती दिखाई दे रही है.
आईएएस डीके रवि की भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत:
एक और आईएएस डीके रवि की मौत भी 16 मार्च 2015 को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी जब डीके रवि अपने अपार्टमेंट में मृत पाये गए थे. कर्णाटक में टैक्स फ्रॉॅड का बड़ा खुलासा करने और कई बड़े लोगों के यहाँ छापे मार करोड़ों की रकम उगाही करने के साथ ही लैंड माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले आईएएस अफसर की मौत पर कर्नाटक की सड़कों पर लोगों का गुस्सा का उमड़ पड़ा था. CBI को इस मामले की जाँच सौंपी गई थी लेकिन कर्णाटक सरकार के कई मंत्रियों ने आत्महत्या बताया था जबकि आईएएस रवि के परिजन इसे साजिश बता रहे थे.