उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की तेज तर्रार जिलाधिकारी बी.चन्द्रकला किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। डीएम बी.चन्द्रकला उत्तर प्रदेश की सबसे लोकप्रिय जिलाधिकारियों में से एक हैं। जनता से उनका सीधा जुड़ाव, ईमानदार छवि, बेबाक जिलाधिकारी होने के चलते केंद्र सरकार ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दे दी है।
दीदी डीएम को मिला कर्तव्यनिष्ठा का प्रतिफल:
- उत्तर प्रदेश की सबसे लोकप्रिय जिलाधिकारियों में से एक डीएम बी. चंद्रकला की केंद्र में प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है।
- केंद्र सरकार ने दीदी डीएम के नाम से प्रचलित बी.चन्द्रकला के काम से खुश होकर उन्हें इनाम दे दिया है।
- दीदी डीएम को केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की निदेशिका नियुक्त कर दिया है।
- साथ ही केंद्र ने डीएम बी.चंद्रकला को पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की डिप्टी सेक्रेटरी के तौर पर भी नियुक्त किया है।
स्वच्छ भारत मिशन में अतुलनीय भूमिका के चलते मिली जिम्मेदारी:
- मेरठ की जिलाधिकारी बी.चंद्रकला की गिनती ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारियों में होती हैं।
- वहीँ दीदी डीएम चंद्रकला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत काफी लम्बे समय से लोगों को जागरूक कर रही हैं।
- इसके साथ ही उनकी तैनाती जिस भी जिले में की गयी वहां उन्होंने स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया।
- इतना ही नहीं बिजनौर में अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने जिले के अधिक से अधिक गांवो को खुले में शौच मुक्त कराया था।
- जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से स्मृति चिन्ह भी दिया गया था।
- इसके अलावा उन्होंने बुलंदशहर में गंगा नदी में बहाए जाने वाले शवों के अवशिष्टों को रोकने के लिए अभियान चलाया था।
- मेरठ में भी अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया।
- जिसके फलस्वरूप जिले के 109 गांवो को उन्होंने खुले में शौच मुक्त करने में सफलता पायी।
- गौरतलब है कि, डीएम बी.चंद्रकला पर कई बार पूर्व राज्य सरकार के गठजोड़ होने के आरोप लगे थे।
- लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इतने बड़े पद पर नियुक्ति के बाद उन सभी लोगों को करारा जवाब मिला है।
आज भी हैं लोगों के लिए डीएम ‘दीदी’:
- जिलाधिकारी बी.चंद्रकला सूबे के जिस भी जिला में नियुक्त की गयी।
- वहां उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने का भरसक प्रयास किया।
- ऊपर दिए गए आंकड़े उनके परिश्रम की कहानी को बयां करते हैं।
- जनता से आत्मीयता का स्तर यह है कि, आज भी उन्हें लोग ‘डीएम दीदी’ कहकर संबोधित करते हैं।