आईएफएस लेटर बम प्रकरण में सामने नोयडा की कुछ जमीनों को कौड़ियों के भाव बेचने का भूत सामने आया है। आईएफएस ने अपनी चिठी में (sanjeev saran) इसका जिक्र किया है, कि डील के बदले आईएएस को निजी बिल्डर्स ने क्या-क्या दिया। मामले में फंसे सीनियर आईएएस संजीव सरन तो यादव सिंह जैसों के भी परदादा निकले।
- तब कुर्सी पर रहते हुए लग्जरी होटलों के लिए 70 हजार वर्ग मीटर से 7400 वर्ग मीटर में बेश कीमती भूखंड बेच डाले थे।
- इन्होंने इन भूखंडों को मास्टर प्लान 2021 में भी शामिल करवा दिया था जो अब होटल्स अरबों के हो गए।
- बता दें कि इस सीनियर आईएएस अधिकारी के कारनामों का सबसे पहले uttarpradesh.org ने उजागर किया था।
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सपा-बसपा सरकार में गायब हो गए थे दस्तावेज
- करीब इन दर्जन भर मामलों की पिछली सपा सरकार में एफआईआर भी दर्ज जुई थी।
- लेकिन बुआ-बबुआ की सरकारों में सारे दस्तावेज गायब हो गए थे।
- नोयडा की जमीनों को बेचकर लूटने की इस कोशिश पर अब योगी सरकार नजरें टेढ़ी हो गईं हैं।
- ख़ुफ़िया डॉक्यूमेंट सामने आने के बाद भ्रष्टाचारियों में खलबली मची हुई है।
- हालांकि मामले में पड़ताल शुरू हो गई है तो भ्रष्ट आईएएस अपनी गर्दन बचाने के लिए विभागीय मंत्री से ख़ुफ़िया मुलाकातें कर रहे हैं।
- रविवार सुबह मंत्री के निजी आवास पर अफसरों ने अपनी गदर्न बचाने की गुहार लगाई साथ ही वह जुगाड़ भी भिड़ाते दिखे।
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तबादला लिस्ट में भी खेल की तैयारी
- बताया जा रहा है कि करीब सवा सौ रेंजरों की तबादला लिस्ट में भी खेल की तैयारी की जा रही है।
- लंबे समय से मलाईदार पोस्टिंग को लेकर लिस्ट रुकी है।
- उधर साथी आईएएस को बचाने को आईएएस लाबी एकजुट हो गई है।
- लेटर लिखने वाले आईएफएस पर भितरखाने विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करने की तैयारी की जा रही है।
- अफसरों के करोड़ों अरबों की सम्पत्ति का आयकर और ईडी भी संज्ञान लेने जा रहा है।
- हालांकि यह मामला सामने आने के बाद ब्यूरोक्रेसी में तो हड़कंप मचा है।
- वहीं सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार चुपके से (sanjeev saran) मामले पर बारीकी से नजर रख रही है।
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