आईएएस वीक 2017 की शुरुआत गुरुवार को राजधानी लखनऊ के विधानसभा स्थित तिलक हॉल में हो गई. सुबह से ही प्रशासनिक अधिकारियों का आना शुरू हो गया. पहले दिन ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आईएएस वीक में पहुंचे. यहां सीएम का पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अफसरों को संबोधित किया था. आईएएस वीक के दौरान शाम को सर्विस डिनर का आयोजन किया गया. लेकिन अफसरों के चेहरे पर उस वक्त मायूसी दिखने लगी जब उन्हें पता चला कि डिनर में मांसाहार का कोई इंतजाम नहीं है.
मांसाहार को लेकर बीजेपी की अलग-अलग परिभाषाएं:
- लोगों के खानपान में दखल का आरोप झेल रही बीजेपी के मांसाहार पर दो चेहरे दिखते हैं.
- एक तरफ गोवा में सरकार चला रही बीजेपी सदन में कहती है कि राज्य में बीफ की कमी नहीं है.
- वहीँ दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में इसी पार्टी की सरकार जब आईएएस सप्ताह समारोह का आयोजन करती है तो लंच और डिनर की प्लेट से मीट, मुर्गा और मछली जैसे मांसाहार गायब मिलते हैं.
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- लखनऊ में गुरुवार को सालाना आईएएस सप्ताह की शुरुआत हुई.
- डिनर के लिए आमंत्रित अफसरों के चेहरे लटक गए जब उन्हें पता चला कि मेन्यू में शाही पनीर, कोफ्ता , फ्राइड राइस ,दाल मखनी शाही कोफ्ता , दाल मखनी , पनीर टिक्का , हांड़ी पनीर , गुलाब जामुन, गाजर का हलवा तो है लेकिन मटन, चिकेन और मछली गायब है.
- बता दें कि इस डिनर में सीएम योगी भी मौजूद रहे.
- इस बात की चर्चा जोरों पर है कि फलाहार से शुरू हुई बीजेपी की स्कीम में मांसाहार की व्यवस्था केवल में ही नहीं है जबकि मेघालय और गोवा में बीजेपी को बीफ से भी परहेज नहीं है.