उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी और गैरसरकारी जमीनों को कब्जे मुक्त कराने के लिए भले ही टास्क फोर्स टीम का गठन कर दिया हो, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत हैं. सपा सरकार के दौरान जमीनो पर हुए कब्जे आज भी बरकरार हैं. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में सबसे ऊपर लिखा था ,की प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, और गरीब की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जायेगा,आज सरकार बने भी आठ महीने से ऊपर का समय निकल गया हैं लेकिन जमीनों पर कब्जे जस के तस बने हुए हैं.
अवैध कब्जे से नहीं मिली मुक्ति
ताजा मामला उत्तर प्रदेश मुरादाबाद के थाना मझोला क्ष्रेत्र के मीरपुर-मिलन विहार का सामने आया हैं. जहाँ के रहने वाले अरुण सैनी मुरादाबाद के पुलिस और प्रसाशनिक अधिकारियों के दफ़्तरों के चक्कर काटने को मज़बूर हैं, क्योंकि इनकी पुश्तेनी जमीन पर कुछ भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया हैं, अरुण सैनी का आरोप हैं कि उनकी पुश्तेनी जमीन पर ब्रजपाल नाम के भूमाफिया ने अपने गैंग के साथ मिलकर कब्जा कर लिए हैं. जब भी वह अपनी जमीन पर जाता हैं तो आरोपी पक्ष अपनी दबंगता दिखाते हुए मारपीट करने पर उतारू हो जाता हैं. इस बारे में कई बार थाना मझोला मैं वह लिखित शिकायत भी कर चुका हैं लेकिन मझोला पुलिस भी भूमाफियों से हमसाज हो गई हैं, अभी छह जनवरी को भी जब वह शिकायत लेकर पहुचा, तो थाना प्रभारी ने उनके साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया.
स्टे के बाद भी अवैध निर्माण
इसमे देखने वाली बात है यह कि अरुण सैनी का कहना है कि उस जमीन पर कोर्ट की तरफ से स्टे है. उसके बाद भी पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है और उस पर दबंग भू-माफियाओं की तरफ से अवैध निर्माण चल रहा है. उसके बाद भी शासनिक ओर प्रशासनिक अधिकारी कैमरे के सामने आने से बचते दिखाई दे रहे है.
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