मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ को अतिक्रमण मुक्त बनाने का निर्देश काफी पहले दे चुके हैं। लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त नगर निगम के अधिकारी चंद पैसों के लिए अधिकारियों के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे। ये हम नहीं बल्की ये आरोप नगर निगम जोन तीन के एक अधिकारी पर लग रहे हैं। आरोप है कि ये अधिकारी मिठाई दुकानदार से पैसे लेकर नगर आयुक्त और प्रशासनिक अधिकारियों के आदेशों को ठंडे बस्ते में डाल रहा है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अपराधी प्रवृति का है दुकानदार, अधिकारी मेहरबान[/penci_blockquote]
जानकारी के मुताबिक, रामप्रिय दास सहित अन्य लोगों ने कई महीने पहले मायानगर डालीगंज स्थित नगर आयुक्त को पत्र लिखकर अवैध कब्जा हटाने की शिकायत की थी। आरोप लगाया है कि मेवालाल पाल पुत्र जीत बहादुर पाल द्वारा अवैध रूप से सड़क पर कब्जा कर मिठाई की दुकान संचालित हो रही है। जिससे राहगीरों के आवागमन में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि उक्त दुकानदार द्वारा दबंगई दिखाते हुए अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण करवा दिया गया है। दबंग दुकानदार शिकायत करने पर ये कहकर धमकाता है कि मेरी पहुंच ऊपर तक है। उक्त दुकानदार अपराधी प्रवृति का है और फौजदारी पर आमदा रहता है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]स्थानीय लोगों ने दी नगर निगम कार्यालय घेरने की चेतावनी[/penci_blockquote]
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम जोन तीन का अवर अभियंता मनीष अवस्थी दुकानदार से मोटी रकम लेकर सड़क किनारे बने अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण नहीं करवा रहा है। पैसों के लिए ये अधिकारी नगर आयुक्त तो दूर सार्वजानिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सभापति रामचंद्र यादव के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहा है। रामचंद्र यादव के आदेश को कई दिन बीत गए लेकिन लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी इस अवैध दुकान का ध्वस्तीकरण आज तक नहीं हो पाया। स्थानीय लोगों ने समस्या का निदान ना होने पर नगर निगम कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]कई बाद दे चुकें हैं लिखित शिकायत[/penci_blockquote]
रामप्रिय दास व अन्य ने कई बार राजस्व विभाग को लिखित सूचना दी है। पहली बार नगर आयुक्त को इसकी लिखित शिकायत 06 जनवरी 2018 को दी थी। जिसके बाद 25 जनवरी को पुनः लिखित सूचना देकर अवैध निर्माण हटवाने की गुहार लगाई थी। उसके पश्चात 8 मार्च को पुनः लिखित सूचना दी गई। जिसपर मामले को संज्ञान में लेते हुए अब तक चार बार संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी किया गया था कि यदि सार्वजनिक मार्ग पर अवैध निर्माण किया गया हो तो हटवाये। इसके बाद सार्वजानिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सभापति रामचंद्र यादव ने भी इस समस्या का निदान कर अतिक्रमण हटवाने का पिछली 8 अक्टूबर को लिखित आदेश दिया लेकिन इस आदेश का भी पालन आज तक नहीं हो पाया। लोगों का कहना है कि नगर आयुक्त के आदेशित किए जाने के बाद भी अवैध कब्जा हटवाया नहीं जा रहा है। उक्त दुकानदार से पैसे लेकर अधिकारियों द्वारा नगर आयुक्त के आदेश को ठेंगा दिखा दिया जा रहा है।

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