उत्तर प्रदेश में अवैध खनन(illegal mining) एक बहुत बड़ी समस्या बना हुआ है, जिस पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने अपनी कैबिनेट मीटिंग में नई खनन नियमावली बनायी थी। जिसमें खनन के नए मानकों और अवैध खनन को लेकर सजा और जुर्मानों में बदलाव किये गए थे।
अवैध खनन रोकने के लिए संयुक्त टीम का होगा गठन(illegal mining):
- नई खनन नियमावली के पारित होने के बाद योगी सरकार ने अवैध खनन पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
- जिसके तहत सरकार द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए संयुक्त टीम का गठन किया जायेगा।
- इस संयुक्त टीम में पुलिस, परिवहन, खनन विभाग की संयुक्त टीमें बनायी जाएँगी।
- इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर इन टीमों का कोओर्डिनेशन सेल भी बनाया जायेगा।
- सरकार का मानना है कि, ई-टेंडरिंग से अवैध खनन पर रोक लगी है।
- जिसके बाद टीम ओवरलोडिंग पर रोक लगाने का काम करेगी।
ये भी पढ़ें: वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल बने भारत के 15वें अटॉर्नी जनरल!
यूपी की नई खनन नियमावली के नियम(illegal mining):
- योगी सरकार ने अपनी छठी कैबिनेट मीटिंग में अवैध खनन को रोकने के लिए नियमावली बनायी थी।
- जिसके तहत खनन माइनिंग प्लान बनाने की योग्यता तय की गयी।
- अब माइनिंग इंजीनियरिंग डिग्री धारक पात्र होंगे।
- इसके अलावा भू-तत्व विषय के परास्नातक खनन माइनिंग प्लान बनायेंगे।
- जिसके लिए सरकार ने डिग्री के साथ ही 5 साल का अनुभव भी अनिवार्य किया है।
- इससे पहले भारतीय खान ब्यूरो से मान्यता प्राप्त संस्थान माइनिंग की योजना बनाते थे।
- इसके साथ ही योगी सरकार ने अवैध खनन के लिए मिलने वाली सजा में 20 गुना बढ़ोत्तरी कर दी है।
- जिसके तहत 25 हजार के जुर्माने को बढ़ाकर 5 लाख किया गया है।
- इसके साथ ही 6 महीने की सजा को भी बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया है।
ये भी पढ़ें: मथुरा: लखनऊ में हुए एसिड अटैक की जांच होगी- श्रीकांत शर्मा!
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें