चित्रकूट में खुलेआम अवैध खनन हो रहा है, और प्रशासन इस और ध्यान तक नही दे रही. चित्रकूट के जंगलो से क्षेत्र में हो रहे अधिकांश निर्माण कार्य के लिए जंगलों से पत्थर, गिट्टी और डस्ट का खनन किया जा रहा है. क्षेत्र में ट्रक और ट्रेक्टर दिन दहाड़े अवैध खनन को अंजाम देकर बिना सरकारी इजाजत निकल जा रहे है. पर प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई नही कर रहे,जिससे उनकी इस मामले में भूमिका भी कटघरे के घेरे में है.
रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य अवैध खनन का सबसे बड़ा केंद्र:
यूपी सरकार अवैध खनन और भूमाफियाओं को लेकर बेहद गंभीर है. राज्य की योगी सरकार पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे अपराध पर कड़ाई करने का आदेश भी दे चुकी है. पर अधिकारियों के कानों तक शायद मुख्यमंत्री की आवाज नही पहुचीं है. इसकी का परिणाम है कि चित्रकूट के रानीपुर वन जीव अभ्यारण्य में जमकर अवैध खनन हो रहा है. स्थिति यह हैं कि जंगल से दिन भर धड़ल्ले से ट्रैक और ट्रेक्टर निकलते रहते है. पर प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान ही नही देते.
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क्षेत्र में अधिकांश निर्माण कार्यों में धड़ल्ले से वन्य जीव क्षेत्र के पत्थर, गिट्टी और डस्ट का प्रयोग का प्रोग किया जा रहा है, जिसके लिए इस तरह खुलेआम जंगल से खनन को अंजाम दिया जा रहा है. विभाग का इस मामले में कोई एक्शन ना लेना उनकी भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगाती है.
जाहिर सी बात है कि इस तरह हो रहे अवैध खनन की जानकारी अधिकारियों को ना हो, यह तो हो नहीं सकता, पर आँखे जरुर बंद कर सकते है. रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य में बहने वाली बरसाती नदी वाला क्षेत्र अवैध खनन का सबसे बड़ा केंद्र है.
इस तरह हो रहे अवैध खनन से वन्य जीवों को भी खतरा हो रहा है. वन्य अधिकारियों से पूछने पर उन्होंने कुछ भी बताने से मना करते हुए कहा कि उनको कोई जानकारी नही है. लेकिन यह गंभीर बात है कि प्रशासन की अनदेखी या लापरवाही से रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य का वजूद खतरे में है .