सरकार की सख्ती के बाद भी खनन माफियाओं पर अंकुश नही लग सका है. योगी सरकार इसके प्रति कितनी गंभीर है यह इस बात से पता चलता है की अपना दल विधायक ने आरोप लगाया कि सीएम योगी खुद भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री तक की बात नही सुनते है. मामला है सोनभद्र जिले का जहाँ अपना दल विधायक ने सरकार से इन खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
सोनभद्र के अपना दल विधायक ने की मांग:
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में अपना दल (एस) के दुद्धी विधायक हरिराम ने अवैध खनन को रोकने के लिए योगी सरकार को अल्टीमेटम दिया है. दुद्धी विधायक ने सरकार को 5 मई तक का समय देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी अवैध खनन पर जल्द से जल्द लगाम लगायें. अगर इस ओर कोई कार्रवाई नही की जाती है तो वे और उनके साथ अन्य आदिवासी सड़को पर उतर आयेंगे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
विधायक हरिराम ने आरोप लगाते हुए बताया की सिर्फ पत्थर खनन के लिए एमएम 11 द्वारा महीने में 30 करोड़ रुपये की वीआईपी वसूली की जाती है.
इसके अलावा उनकी मांग है कि बालू खनन में पोकलेन मशीनों का प्रयोग बंद किया जाये. और बालू खनन के लिए आदिवासियों को रोजगार का अवसर मिले.
5 मई तक कार्रवाई की मांग :
सरककर की खनन माफियाओं को लेकर ढ़िलाई से नाराजगी जाहिर करते हुए अपना दल विधायक ने कहा कि, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री अर्चना पाण्डेय की भी नही सुनते हैं.”
इसके अलावा आज कल हो रही दलित राजनीति पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि मंत्रियों के दलितों के घर खाना खाने के कार्यक्रम को अधिकारी मैनेज करते है.
इसके लिए अधिकारी दलितों को, जिनके घर में मंत्री को भोजन करना होता है, उसे दस से पन्द्रह हजार रुपये तक देकर यह कार्यक्रम मैनेज किया जाता है.
अगर दलितों के खाने को ही देखना है तो अचानक उनके घर पर जाए मंत्री और खाना कहा कर दिखाए.
हरिराम ने कहा कि उनके अवैध खनन को लेकर आपत्ति पर खनन माफियाओं से उनकी जान को खतरा है. इसके लिए उन्होंने सरकार से सुरक्षा की मांग भी की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर अवैध खनन पर रोक, आदिवासियों को बालू खनन में रोजगार नही मिलेगा तो वे सब इसके लिए प्रदर्शन करेंगे. 5 मई तक का सरकार को समय देते हुए उन्होंने कार्रवाई की मांग की है.