राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में डॉ. मरीजों को दवाइयां बाहर मेडिकल से खरीदने को मजबूर करते हैं। दवाइयों के (balrampur hospital’s Pathology) नाम पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार, पैथोलोजी में वेटिंग के नाम पर अवैध वसूली एवं तमाम असुविधाओं के खिलाफ सोमवार को आम आदमी पार्टी यूथ विंग के अवध प्रांत सहप्रभारी कमर अव्वास के नेतृत्व में कई कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के गेट पर इकठ्ठे होकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया।
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परचेज करने के लिय लगभग चार करोड़ का बजट
- जिला संयोजक गौरव माहेश्वरी ने कहा कि आम आदमी की जेब पर स्वास्थ्य विभाग पिछले कई वर्षों से डाका डाल रहा हैं।
- दवाइयों के नाम पर करोड़ों का बजट होने के बाबजूद भी मरीज को दवाइयां बाहर से मेडिकल से खरीदने को मजबूर किया जाता है।
- बलराम अस्पताल में मरीज को एक रूपया के पर्चे पर डाक्टरी सलाह के साथ दवाएं देने का प्रावधान है।
- जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं होती है उन्हें लोकल परचेज के बजट से खरीद कर मरीजो को उपलब्ध कराने का नियम है।
- इसके लिय दवाओं के बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा लोकल परचेज पर खर्च किया जा सकता है।
- बलरामपुर अस्पताल में लोकल परचेज करने के लिय लगभग चार करोड़ का बजट है।
- लेकिन ये सब बजट अधिकारी कागजों पर कार्यवाही कर बजट का अधिकांश भाग आपस में बंदर बाट कर लेते हैं।
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- जिला प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने (balrampur hospital’s Pathology) बताया कि बलरामपुर अस्पताल में डॉ. मरीजों को बाहर मेडिकल से दवाइयां खरीदने के लिए एक अलग सादा पर्ची पर दवाएं लिखकर दे देते हैं।
- परेशान मरीज मजबूरी में उन दवाओं को खरीदता है।
- तमाम मरीजों से मिलकर इस बात की पुष्टि की गई है।
- कई मरीजों ने पार्टी पदाधिकारियों से पूर्व में और आज भी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत की।
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- लोकल परचेज के तहत दवाइयां वास्तविक रूप से मरीज को नहीं मिल रही हैं और अस्पताल प्रशासन और सत्ता पक्ष के दवंग नेता मिलीभगत कर जनता के हक को मारकर लूट-पाट कर रहे हैं।
- वहीं पैथोलोजी में वेटिंग की बात कह कर प्राइवेट गार्ड एवं अन्य दलाल मरीजों से अवैध वसूली कर रहे हैं।
- इन सब की जानकारी अस्पताल प्रशासन को है लेकिन मिलीभगत के कारण किसी के खिलाफ कोई कुछ नहीं बोलता।
- उन्होंने कहा कि ये हालत केवल बलरामपुर की नहीं है, प्रदेश के सभी अस्पतालों में लोकल परचेज के नाम पर लूटपाट हो रही है।
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- उन्होंने चिकित्सा मंत्री से मांग की है कि उच्चस्तरीय जांच कराकर अस्पतालों को भ्रष्टाचार से मुक्त कराएं और आधुनिक चिकित्सीय उपकरण उपलब्ध कराकर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ दें।
- बलरामपुर अस्पताल में शहर एवं आस-पास से बड़ी संख्या में लोग अपना इलाज कराने आते है। करोड़ों का बजट मिलता है।
- लेकिन बड़ा अस्पताल होने के बाबजूद अभी तक एक भी वेंटिलेटर, आईसीयू तक तक नहीं है।
- सुविधाएं न होने की बात कहकर तमाम मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेज कर उससे अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
- मरीज की देखभाल सही से नहीं होती है, पूरे अस्पताल में हर जगह गंदगी व्याप्त है, तीमारदारों द्वारा किसी बात की जानकरी करने पर (balrampur hospital’s Pathology) उनके साथ बत्तमीजी होती है।
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