प्रदेश में गंगा नदी से बालू का अवैध खनन कारोबार जोरो पर चल रहा है। इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी यह कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। इस अवैध खनन वाली बालू का सरकारी निर्माण में भी धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है।
मिर्ज़ापुर में गंगा नदी से अवैध खनन
- मिर्ज़ापुर में जिला प्रशासन की नाक के नीचे करोड़ो की परियोजना में अवैध बालू का उपयोग किया जा रहा है।
- यह अवैध खनन गंगा नदी से किया जा रहा है।
- खनन से जुड़े माफिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
- साथ ही नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) व हाईकोर्ट के कड़े कानून की भी इन्हें कोई परवाह नहीं है।
- जिले में गंगा तटों से बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन हो रहा है।
- अवैध खनन में लगे इन माफियाओं के इशारे पर नदी से रोजाना शाम होते बालू खनन का काम शुरू हो जाता है।
- यह खनन का अवैध धंधा पूरी रात हर रोज दोहराया जाता है।
- बालू से भरी सैकड़ों ट्रॉलियां जिले भर में बेरोकटोक निकलती हैं।
- खास बात यह है कि इस पर न तो पुलिस कोई ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन।
सरकारी महकमों की मिली भगत
- गंगा किनारे चल रहे अवैध खनन से नदी की जलधारा भी प्रभावित हो रही है।
- अवैध खनन का यह कारोबार सरकारी अधिकारियों की मिली भगत के साथ चल रहा है।
- तभी इन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
- अवैध खनन को रोकने के हाईकोर्ट व एनजीटी के कई कानून है।
- नदियों के तल से बगैर लाइसेंस या पर्यावरणीय इजाजत रेत के खनन पर रोक पर पहले ही रोक है।
- लेकिन सरकारी मशीनरी की मिलीभगत से अवैध रूप से बालू निकालने का काम धड़ल्ले से हो रहा है।
मिर्ज़ापुर में डीएम की देख-रेख में हो रहा निर्माण
- मिर्ज़ापुर के पालीटेक्निक कॉलेज, निर्माणाधीन इंजीनियरिंग कॉलेज व महिला पालीटेक्निक कॉलेज के कार्य में गंगा नदी के बालू का भारी मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है।
- यह सब जिला प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है।
- इस निर्माण कार्य को खुद जिलाधिकारी कंचन वर्मा देखने जाती है।
- लेकिन उन्हें गंगा के बालू का प्रयोग अनुचित नज़र नहीं आया।
- जब जिलाधिकारी से इस पर सवाल किया गया तो जवाब मिला, पड़ोसी जनपदों से बालू लिया जा सकता है।
- उन्होंने कहा कि पड़ोसी जनपद इलाहाबाद से गंगा से बालू उत्खनन पर रोक नही लगी है।
- उन्होंने यह सब बड़े ही दंबग अंदाज में कहा।
- उनके इस अंदाज को देख कर लगा कि उन्हें एनजीटी और हाईकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं।
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