आज के इस कम्पटीशन के दौर में छात्रों को सही और ग़लत, अच्छे और बुरे कि सही पहचान करवाना बहुत ज़रुरी है, छात्रों का सही मार्गदर्शन अत्यन्त आवश्यक है. अब वह ज़माना गया जब लोग सिर्फ़ अपने बुज़ुर्गो के कहने भर से अपना रास्ता चुन लेते थे. आज का ज़माना प्रोफ़ेशनलिज़्म का है. हर छात्र चाहता है कि वह अच्छा कार्य करे, खूब तरक़्क़ी करे, घरवालो का नाम रौशन करे और इसी चिन्ता में उल्झा रहता है.
इंटरेस्ट के अनुकूल कोर्स नहीं चुनते है तो भविष्य में होगी समस्या…
यह चिन्ता यदि इस हद तक बढ़ जाए कि उस छात्र कि सामान्य ज़िंदगी में परेशानी उत्पन्न होने लगे तो यह एक प्रकार के मानसिक रोग मे विकसित हो सकता है. ठीक इसी तरह जब छात्र अपने स्किल्स या इंटरेस्ट के अनुकूल कोर्स नहीं चुनते तब भी भविष्य में उनको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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सभी छात्रों का साइकोलॉजिकल असेसमेंट होना चाहिए
CBSE बोर्ड का इस सिलसिले में निर्देश भी आ चुका है कि सभी छात्रों का साइकोलॉजिकल असेसमेंट होना चाहिए जिससे उनके स्किल्स, इन्टरेस्ट तथा उनकी समस्याओं को ठीक से समझा जा सके और उनकी काउन्सलिन्ग कि जा सके. इसी निर्देश के तहत सेन्टर फ़ोर मेन्टल हेल्थ एंड साइकोलॉजिकल वेल बीन्ग, काउन्सलिन्ग एंड गाइडेन्स प्रोग्राम चला रहा है जिसमे छात्रों को साइकोलॉजिकल असेसमेंट के द्वारा उनकी पर्सनालिटी के अनुकूल कोर्स के बारे में जानकारी दी जाती है तथा उनकी काउन्सलिन्ग भी की जाती है.
कमजोर वर्ग के छात्रों का साइकोलॉजिकल असेसमेन्ट किया गया
आज का यह प्रोग्राम अन्जुमन वज़ीफ़ा ए सादात के कार्यालय, लखनऊ में किया गया जिस मे अन्जुमन द्वारा छात्रवृत्ति पाने वाले आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के छात्रों का साइकोलॉजिकल असेसमेन्ट किया गया. इस प्रोग्राम मे सेन्टर फ़ोर मेन्टल हेल्थ एंड साइकोलॉजिकल वेल बीन्ग के एक्स्पर्ट कि टीम मे साजिद काज़मी (नैदानिक मनोचिकित्सक ), गरिमा सिंह (नैदानिक मनोचिकित्सक), मो. अली (शिक्षाविद), काशिफ़ हसन एवं स्य्यद मुर्तुज़ा शामिल थे.
छात्रों को सही मार्गदर्शन मिलना बहुत जरुरी
साजिद काज़मी ने बताया कि बड़े स्कूलों मे इस तरह के प्रोग्राम होते रहते हैं मगर समाज के इस वर्ग मे ऐसे प्रोग्राम की बहुत ज़रुरत है जिससे छात्रों को सही मार्गदर्शन मिले और सही कोर्स चुन कर वह सफ़ल हो सके.
इस प्रोग्राम के आयोजन में अंजुमन वज़ीफ़ा ए सादात के सेक्रेट्री ज़मानत अली ने भरपूर योगदान दिया और छात्रों को मेहनत से पढ़ने के लिए प्रेरित भी किया.