जौनपुर में विधायकों द्वारा पैसा वापस लेने की खबर वायरल होने के बाद विधायकों ने रखा अपना पक्ष
Desk Reporter
नौ विधायक व एक एमएलसी ने अपने निधि से दिया था पैसा|
जौनपुर|वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए सभी ने हर संभव मदद के लिए हाथ बढ़ाया है इसी क्रम में सबसे ज्यादा आस जनता द्वारा जनप्रतिनिधियों से लगाई जाती है जिसके क्रम में जौनपुर के जनप्रतिनिधियों ने अपने अपने स्तर से अपने निधि कोरोना महामारी से निपटने के लिए दिया था।
जिसमें बदलापुर विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने 23 लाख, केराकत विधायक दिनेश चौधरी ने 10 लाख, मुंगराबादशाहपुर विधायक सुषमा पटेल ने 5 लाख, जफराबाद विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने 10 लाख रुपए जारी किए थे
वहीं शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई ने 10 लाख, मड़ियाहूं विधायक डॉ. लीना तिवारी 11 लाख, सदर विधायक व राज्यमंत्री गिरीशचंद्र यादव ने 20 लाख, मल्हनी विधायक पारसनाथ यादव ने 15 लाख, मछलीशहर विधायक जगदीश सोनकर ने 17.94 लाख रुपए और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू ने 20 लाख रुपये जारी किए हैं
कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने विधायक निधि(एक साल में तीन करोड़)के साथ ही विधायकों के वेतन के 30 फीसद की कटौती का फरमान जारी कर दिया था।इस आदेश के बाद तीन भाजपा विधायको समेत चार ने पूर्व में दी गयी धनराशि वापस लेने खबर मीडिया में प्रकाशित होने के बाद सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है पैसे वापस लेने का मामला तूल पकड़ता देख अब विधायकों ने सफाई दी है।
मामला तूल पकड़ता देख विधायकों ने रखा अपना पक्ष ।
केराकत के विधायक दिनेश चौधरी ने आज पत्रकारो के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आगामी एक वर्ष की निधि स्थगित करने के कारण मैने पूर्व में दिये गये दस लाख रूपये वापस नही लिया है बल्की भविष्य में क्षेत्र में विकास कार्य व गम्भीर रोगो से पीड़ित जनता के इलाज के लिए रोक दिया है। मेरे द्वारा पैसा वापस लेने के खबर मेरे विरोधियों द्वारा व हमारे क्षेत्र के एक पत्रकार द्वारा झूठी अफवाह फैलायी गयी है। मै प्रदेश की जनता के लिए अपना दो वर्ष को वेतन भी देने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है|अब इसी क्रम में
विधायक बदलापुररमेश चंद्र मिश्र का कहना था कि कोरोना के रोकथाम और बचाव उपकरण खरीदने के लिए उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को 23 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में कोरोना स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2020-21 की संपूर्ण विधायक निधि खर्च करने का निर्णय लिया। जिसके बाद उन्होंने 23 लाख का पूर्व में दिया प्रस्ताव निरस्त किया है ताकि इससे गरीबों के उपचार, हैंडपंप, विद्युतीकरण, संपर्क मार्ग आदि छोटे-छोटे कार्य कराए जा सकें।
मुंगराबादशाहपुर विधायक सुषमा पटेल का कहना था कि मेरे द्वारा कोरोना की महामारी में दिये गये पांच लाख रुपये की मदद के बाद वर्ष 2020-2021 की विधायक निधि सस्पेंड हुई, तो भविष्य में लोगों की सेवा के दृष्टिगत मैंने पूर्व में जारी पत्र को निरस्त कर भविष्य में लोगों की सेवा हेतु जनता का ही (विधायक निधि) पांच लाख रुपए रोक रखा। जनता का पैसा जनता के हित और क्षेत्र के हित में खर्च होता है।
जफराबाद विधायक डा. हरेन्द्र प्रसाद सिंह का कहना था कि पैसा वापस नहीं लिया गया है। शुरूआती दौर में विधायक निधि से जो दस लाख दिया गया था उसे वापस लिया जा रहा है। कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए हम लोगों ने अपनी पूरी विधायक निधि तीन करोड़ रूपए व सेलरी का कुछ हिस्सा तो दे रहे हैं। दस लाख रूपये में से तीन लाख रूपए टाटा हास्पिटल मुम्बई को राम रतन तिवारी अहमदपुर के कैंसर के इलाज लिए दो दिन पहले ट्रांसफर किया है।