- उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन चाहे लाख कोशिश कर ले पर लगता तो ऐसा है कि जनपद फतेहपुर के सरकारी अस्पताल की अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए जिला अस्पताल के कर्मचारी ही सक्रीय नही हैं।
- अस्पताल में अक्सर अव्यवथाओं का टोटा बना ही रहता है, इस बात की शिकायत अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीज और उनके परिजन करते रहते हैं।
इलाज और सुविधओं के नाम पर दर- दर भटक रहे मरीज
- सदर अस्पताल का आलम ये है कि मरीज को लेटा कर स्ट्रेचर मरीज के तीमारदार ही खीचते है जबकि वार्डबॉय मोबाईल में डटे रहते हैं सुधार के नाम पर स्वस्थ्य विभाग की कार्यवाही मात्र खानापूर्ति ही रहती है, स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता इस बात से जाहिर होती है कि स्वास्थ्य विभाग इन अव्यवस्थाओं को दूर न कर के अन्य फिजूल खर्चों पर ध्यान दे रहा है जबकि मरीज और उनके परिजन इलाज और सुविधओं के नाम पर दर दर भटक रहे हैं।
- अभी हाल ही में जिला अस्पताल में मरीजों के लेटने वाले सैकड़ों बेड हटा कर अलग रख दिए गए हैं और इनकी जगह नए बेड खरीद कर अस्पताल में रखवा दिए गए हैं जबकि इन बेडों की हालत बिलकुल ठीक है।
- जब इस संबंध में सीएमएस डॉ प्रभाकर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी टेक्नीशियन को बुलाया गया है उसके आते ही बेडों की जांच कराई जाएगी इससे अधिक उनको जानकारी नहीं है क्योंकि वो जिला अस्पताल में अभी नए आये है।
- इस संबंध में जिलाधिकारी का कहना है कि अगर ऐसा है तो जांच करा कर संलिप्त के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
- सोचने वाली बात ये है कि जब बेड ठीक थे तो क्यों हटाये गये, और बेड हटाने के लिए इतनी भी क्या जल्दी थी की टेक्नीशियन की रिपोर्ट का भी इन्तजार नहीं किया गया।
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