रामगंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि से तटवर्ती गांव कोलासोता व अहलादपुर भटौली के बाशिंदो को कटान होने की चिंता सताने लगी है। गंगा का जलस्तर भले ही स्थिर हो लेकिन ग्रामीणों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। रामगंगा का जलस्तर 75 सेंटीमीटर बढ़कर 134.75 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से 11209 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा का जलस्तर दूसरे दिन भी चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर दर्ज किया गया है। नरौरा बांध से गंगा में 120863 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
रामगंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि:
रामगंगा के उफनाने से कोलासोता व अहलादपुर भटौली गांव के बाशिंदो की धड़कनें बढ़ गई हैं। एडीएम रमेशचंद्र यादव ने बाढ़ प्रभावित गांवों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने प्रशासन द्वारा दी गई नाव टूटी होने की शिकायत की। एडीएम भानुप्रताप सिंह ने भी कोलासोता, अहलादपुर भटौली गांव का भ्रमण कर रामगंगा के जलस्तर व कटान की स्थिति का जायजा लिया। कोलासोता गांव के अमरजीत, ऋषिपाल व श्यामपाल ने नदी की धार मोड़ने के लिए नाला खुदवाने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि एक वर्ष पहले नाला खोदा गया था, लेकिन नाला की गहराई कम होने पर नदी की धार नहीं मुड़ सकी। नदी का रुख गांव की ओर है, यदि नदी की धार न मुड़ी तो गांव के कटने की आशंका है।
गत वर्ष नदी की धार में अहलादपुर भटौली के करीब 12 ग्रामीणों के घर कट चुके हैं। नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों को कटान होने की चिंता सताने लगी है और कुछ ग्रामीण अपने पक्के मकान तोड़ भी रहे हैं। कोलासोता गांव में नदी की धार में करीब 5 सौ एकड़ उपजाऊ भूमि कट चुकी है। अब नदी की धार ने गांव की ओर रुख कर लिया गया है, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। गंगा की बाढ़ का पानी तीसराम की मड़ैया, सुंदरपुर, नगला दुगरु, सबलपुर, आशा की मड़ैया, नगरिया जवाहर, रामपुर जोगराजपुर, कुसमापुर, ऊगरपुर, मंझा की मड़ैया, माखन नगला, रामप्रसाद नगला, जटपुरा कैलियाई, कुडरी सारंगपुर व करनपुर घाट गांव में भर गया है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं।