भारतीय सेना का हर जवान सरहद पर देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने को हमेशा तैनात रहता है. जिससे कोई भी दुश्मन देश की ज़मीन कब्ज़ा करना तो दूर उसमे कदम रखने की हिम्मत भी न दिखा पाए. लेकिन उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद के एक ऐसे ही फौजी विजय यादव की खुद की ज़मीन भूमाफियाओं के चक्कर में फंसी हुई है. ऐसे में आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा-लगा कर थक चुका फौजी अब मरने और मारने पर मजबूर हो गया है.
मरने और मारने पर मजबूर फौजी-
- प्रदेश का निजाम बदलने के साथ ही बड़े-बड़े दावे किये गए थे.
- लेकिन हकीकत यह है कि नौकरशाही किसी पर रहम नहीं खाती.
- इसकी बानगी आप को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद स्थित मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के सकवाई में देखने को मिल जाएगी.
- जहाँ देश की रक्षा कर रहे सैनिक विजय यादव की जमीन पर कब्जा किया गया है.
- इस दौरान ये सैनिक कई बार जिले के आला अधिकारियो से न्याय की गुहार भी लगा चूका है.
- लेकिन अधिकारियो के बंद कानों में अब तक इस सैनिक की फ़रियाद नही पहुंची है.
- ऐसे में न्याय ना मिलने से परेशान ये सैनिक मरने और मारने पर मजबूर हो गया है.
- इस मामले में फौजी ने ट्वीट करके पी.एम.ओ आफिस,डीएम फर्रुखाबाद, ग्रह मंत्रालय सहित कई लोगो को अवगत कराया है.
- फौजी ने अपने ट्वीट में लिखा कि फर्रुखाबाद प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक गया हूँ.
- फतेहगढ़ पुलिस अब न्याय नहीं दिलाएगी.
- हमको अब खुद मरना होगा या मारना होगा.
- इस ट्वीट में फौजी की बेबसी और लाचारी ने सुप्रशासन के सारे दावों की पोल खोल रही है.
ये है पूरा मामला-
- अवैध कब्जों को खाली कराने और भूमाफियाओं को किनारे लगाने के दावों ने कुछ लोगों को शायद फायदा पहुंचाया हो.
- लेकिन फौजी विजय यादव के परिवार के लिए तो इन घोषणाओं का कोई मतलब नहीं है.
- मामला मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के सकवाई का है.
- यहाँ 39 डिसिमल के एक प्लाट में 12 डिसिमल का पट्टा बनपुई निवासी शिक्षा माफिया रामसेवक यादव और 27 डिसिमल का पट्टा पूर्व सैनिक महेंद्र पाल सिंह के नाम किया गया.
- इसी प्लाट में 09 डिसिमल जमीन का पट्टा सकवाई के निवासी राम किशन उर्फ़ उजागर के नाम हो गया.
- इस फर्जी आबंटन को तत्कालीन जिलाधिकारी ने 04 जून 2015 को रद्द कर दिया.
- रद्द किये गए पट्टे की जमीन फौजी महेंद्र पाल सिंह के हिस्से में थी जिसमे एक कमरा बना हुआ था.
- राम सेवक को जमीन के इस हिस्से और इस कमरे से कोई लेना देना नहीं था.
- लेकिन उन्होंने इस कमरे को खुद गिराकर इस जमीन पर कब्जा कर लिया.
- यही नहीं कमरे को गिराने में फौजी विजय यादव और मनोज यादव सहित आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया.
- जबकि विजय यादव और मनोज यादव उस समय फ़ौज की ड्यूटी पर थे.
- अपनी जमीन से कब्ज़ा हटवाने के लिए पूरा फौजी परिवार कई महीने से अफसरों और नेताओं की चौखटों पर न्याय की गुहार लगा रहा है.
मामले में राम दास आठवले और स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे दिग्गज मंत्री भी लिख चुके है पत्र-
- केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री राम दास आठवले और प्रदेश सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए जिलाधिकारी को लिख चुके हैं.
- यही नही मामले में पीएम मोदी और सीएम योगी से लेकर राजभवन तक गुहार लगाईं जा चुकी है.
- लेकिन इसके बावजूद फर्रुखाबाद प्रशासन फौजी को इन्साफ नहीं दिला पाया है.
- फौजी विजय यादव का कहना है कि हम फौजी है जिक्से चलते हम ज्यादातर ड्यूटी पर रहते हैं.
- ऐसे में हम कोटे-कचहरी में मुकदमा नही लड़ सकते.
- विजय ने ये भी कहा कि हम्बस ये चाहते हैं की हमारे कागज़ात देख कर उसके अनुसार हमें हमारी ज़मींन दिला दी जाए.
- इसके बाद ही कुपवाड़ा में तैनात फौजी विजय यादव ने ट्वीट किया है.
- जिसमे उसने लिखा है कि हमको अब खुद मरना है या दूसरों को मारना है.
- यह ट्वीट पीएम, सीएम और आईजी को किये गए हैं.
- सैनिक विजय यादव के पिता बादशाह यादव फर्रखाबाद में रह रहे हैं.
- इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्होंने भी ट्वीट देखा है.
- हम लोगों के सामने और कोई रास्ता ही नहीं बचा है.
- प्रशासन हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.
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