प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही सेना के जवानों (indian army soldier) की बहादुरी को गर्व से बयान करते हुए उन्हें सलाम करते हैं. लेकिन उन्हीं के देश के बीजेपी शासित प्रदेश यूपी की मेरठ पुलिस के चलते आज देश की रक्षा करने वाला एक जवान ख़ासा दुखी है. दरअसल मेरठ में रह रहा फौजी का परिवार मेरठ पुलिस की कार्यप्रणाली से इतना दुखी हुआ कि सीमा पर तैनात फौजी को महज़ ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए और एफआईआर की कॉपी लेने के लिए अरुणाचल प्रदेश से छुट्टी लेकर मेरठ आना पड़ा.
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ये है पूरा मामला-
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- अरुणाचल प्रदेश का भारत चीन बोर्डर जहाँ का तापमान माइनस डिग्री टेप्रेचर पर रहता हैं.
- इस ठिठुरती ठंड में भारतीय सेना के सूबेदार अनिल कुमार सिंह देश की रक्षा के लिए वहां तैनात है.
- जबकि इनका परिवार इनसे बहुत दूर मेरठ कैंट में रहता है.
- अनिल कुमार सिंह ने बताया कि उनका और उनकी पत्नी का एक ज्वाइंट खाता है.
- इस दौरान बीती 15-16 जून को इस ज्वाइंट खाते से एकाएक दस-दस हज़ार रुपए निकले गए.
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- ये पैसे 11:55 बजे दिल्ली के किसी एटीएम से निकले गए थे.
- बता दें कि फौजी के सैलरीड एकाउंट से कुल अस्सी हज़ार रुपए निकले गए.
- जिससे रात को फौजी की पत्नी के मोबाइल नम्बर पर मैसेज आने शुरु हुए.
- जिसमे अस्सी हज़ार रुपए एकाउंट से कट गए.
एटीएम, चेकबुक फौजी के पास होने के बाद भी निकले पैसे-
- फौजी का कहना है कि उस वक्त स्टेट बैंक का एटीएम, चेकबुक और बैंक के सारे डाक्यूमेन्ट उनके पास ही मौजूद थे.
- अपनी गाढी कमाई ऐसा जाता देख फौजी की पत्नी आनन फानन में अगले दिन मेरठ के सदर थाने पहुंची.
- इस दौरान फौजी की पत्नी कभी साइबर सेल तो कभी थाने दौड़ाया गया.
- लेकिन किसी ने इनकी सुनवाई नहीं की.
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- आखिर में आलाधिकारियों के हस्तक्षेप से किसी तरह साइबर सेल में एफआईआर दर्ज हुई.
- इस दौरान फौजी का चौदह साल का लड़का और उनकी पत्नी को मेरठ पुलिस ने जमकर दौड़ाया.
- इस दौरान फौजी की पत्नी उन्हें मेरठ पुलिस की कार्यशैली के बारे में रोज़ाना बताती रहीं.
- मेरठ पुलिस की कार्यशैली से दुखी होकर आखिर में फौजी को आकस्मिक छुट्टी लेनी पड़ी.
- जिसके बाद फौजी अरुणाचल प्रदेश से मेरठ रवाना हुआ.
- एक जुलाई को अनिल कुमार सिंह मेरठ पहुंचे.
- इस दौरान एफआईआर की कॉपी मिलने में उनके को पसीने छूट गए.
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- बता दें कि बैंक एफआईआर की कॉपी मांग रहा था.
- जबकि सदर थाने में तैनात दारोगा एफआईआर कॉपी उपलब्ध नहीं करा रहे थे.
- फौजी का कहना है कि दारोगा ने यहां तक उनसे कहा कि कौन उन्हें पैसा दिला देता है देखता हूं.
- आखिर में दो जुलाई को फिर एफआईआर की कॉपी उन्हें मिली.
- फौजी ठगी के इस मामले में आज मेरठ की नई एसएसपी मंज़िल सैनी से भी किसी तरह मिले.
- इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि एक फौजी जो देश की सीमा की रक्षा करता है.
- उसके साथ ऐसा सलूक हम सबको शर्मिंदा करता है.
- देखने वाली बात होगी कि आखिर इस फौजी के साथ न्याय कब हो पाता है.