आज फरीदाबाद की एक जर्नलिस्ट की आत्महत्या के बाद पूरे देश में सनसनी मची हुई है। पूजा तिवारी का मामला कई दिनों से चल रहा था। उसने फरीदाबाद के सभी जर्नलिस्टों से सहायता भी माँगी थी, लेकिन शायद अपनी लड़ाई में अकेली होने और पुलिस द्वारा बार बार परेशान किये जाने के कारण उसने अपनी जान दे दी। साथ ही पूरे मीडिया जगत पर तमाचा भी जड़ दिया।

  • सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पूजा कल रात्रि पांचवीं मंजिल से कूद गयी थी। और
  • सूत्रों से ही मिली खबर के अनुसार पूजा का कहीं रिश्ता तय हुआ था लेकिन जब लड़के वालों को मामले की खबर मिली तो उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया।
  • जिससे पूजा पूरी तरह टूट गयी और जिंदगी गंवा दी।
  • पूजा ने  भ्रूण हत्या करने वाले कुछ डाक्टरों का स्टिंग किया था लेकिन डॉक्टर ने पूजा तिवारी पर 2 लाख रुपये मांगने और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा दिया।
  • इसके बाद पुलिस उसे परेशान करने लगी।
  • पूजा तिवारी की आत्महत्या के लिए फरीदाबाद के ज्यादातर जर्नलिस्टों के साथ साथ भ्रूण हत्या करने वाले डोक्टरों का गैंग और पुलिस प्रशासन भी जिम्मेदार है।
  • यह आपको आत्महत्या से पहले लोकल मीडिया को भेजे गए उनके ईमेल से साफ़ पता चल जाएगा।

पढ़ें: जर्नलिस्ट पूजा तिवारी मामले की पूरी कहानी

मैं पूजा तिवारी “IaminDNA”, Zee Digital Convergence Limited से फरीदाबाद की रिपोर्टर हूँ।
सितंबर 21, 2015 को मैंने बतौर रिपोर्टर, IaminDNA ज्वाइन  किया था और फरीदाबाद शहर में कई एक्सक्लूसिव और खोजी खबरों पर काम भी किया हैं।

हाल ही में मैंने एक विश्वसनीय सूत्र की सूचना पर मार्च 9, 2016 की शाम को एक झोलाछाप डॉक्टर- डॉ. धवल सिंह पर स्टिंग किया था। मुझे यह भी बताया गया था की यह डॉक्टर महिलाओं को MTP (Medical Termination of Pregnancy) KIT देता हैं और MTP भी करवाता हैं। इन सब सूचनाओं के आधार पर मैंने अपने संस्थान में चर्चा की जिसके चलते मुझे स्टिंग करने की अनुमति मिली।

चूंकि मैं एक लड़की हूँ तो इस स्टिंग के लिए मैंने अपने एक पुरुष मित्र का सहयोग लिया। जिनका नाम अनुज मिश्रा हैं। चूँकि अनुज मिश्रा पीछे से मीडियाकर्मी रहा हैं तो मैंने उनका सहयोग लिया। यहाँ बात भी मैंने अपने संस्थान में बता दी थी।

यह स्टिंग हम लोगों ने दयाल नगर, ग्रीन फील्ड कॉलोनी में किया था। मैं वहा बतौर मरीज़ बनकर के गयी थी ताकि MTP संबंधित जानकारी हासिल की जा सके। अनुज मिश्रा ने स्टिंग की प्लानिंग के अनुसार मेरे पति होने की भूमिका निभाई।

अनुज मिश्रा ने डॉक्टर धवल सिंह को अपने विश्वास में ले कर के कहा की मेरी पत्नी प्रेग्नेंट है और इनका MTP कराना है। इस बात पर डॉक्टर ने कहा मैं सब करवा दूंगा मेरे शहर की जानी मानी gynaecologist डॉक्टर अर्चना गोयल से अच्छे संपर्क हैं। मेरे एक फ़ोन करने पर वो सब कुछ कर देंगी। उनका PRO मेरा मित्र है और MTP से ले कर के वो सारे सर्जिकल भी कर देंगी। मैं उनको पर्सनली भी फ़ोन कर दूंगा। डॉक्टर अर्चना गोयल का विजिटिंग कार्ड भी उसने हमें दिखाया। जिसकी हमने फोटो भी ली थी।  इसके बाद उसने शहर के जाने माने ट्यूबरक्लोसिस के डॉक्टर रमन कक्कर का नाम भी लिया और साथ ही खुद को बीके हॉस्पिटल का डॉक्टर भी बताया। फिर हम लोग वहा से चले आये।

यहाँ सब कुछ मैंने अपने बॉस को बताया और उन्होंने कहा था की डॉक्टर अर्चना गोयल का भी वर्जन लो। 12 मार्च, 2016 को अनुज ने डॉक्टर अर्चना गोयल को फ़ोन किया। चूँकि ये स्टिंग डॉक्टर धवल सिंह पर था जिसने डॉक्टर अर्चना का नाम लिया था तो फ़ोन पर डॉक्टर अर्चना को सब कुछ बताना ठीक नहीं था। न ही यहाँ मेरी या अनुज की कोई गलत इंटेंशन थी। एक नार्मल कोर्स में फ़ोन किया गया था जिसमे अनुज ने डॉक्टर अर्चना को साफ़ कहा है की हमारी एक टीम ने एक झोलाछाप डॉक्टर पर स्टिंग किया हैं और वो आपका नाम MTP के संदर्भ में ले रहा हैं।  आप जानी मानी डॉक्टर हैं तो आपसे मिलना हैं क्योंकि आपका पक्ष भी जानना हैं और टीम को न्यूज़ चलानी हैं और इस पर आगे कारवाही भी करनी हैं।

फ़ोन पर डॉक्टर अर्चना ने झोलाछाप का नाम भी पुछा लेकिन अनुज ने नहीं बताया क्योंकि ये एक स्टिंग ऑपरेशन था तो फ़ोन पर सब कुछ बताना उचित नहीं था। इसके बाद डॉक्टर अर्चना ने अनुज को कहा शाम तक आपको बताती हूँ। शाम को अनुज के पास डॉक्टर अर्चना का फ़ोन आया जो की अनुज ने नहीं उठाया। क्योंकि वो उस समय कही व्यस्त थे। अनुज ने मुझे मेसेज किया और कहा की डॉक्टर अर्चना से बात कर लो वो मुझे फ़ोन कर रही हैं। आप उनसे टाइम ले लो और अपनी न्यूज़ बनाओ।

मैंने डॉक्टर अर्चना को फ़ोन किया और बताया की मैं Iamin DNA से हूँ और मैंने एक स्टिंग किया हैं। तब डॉक्टर अर्चना ने 14 मार्च, 2016 सोमवार को 1 बजे मिलने का समय दिया।

सोमवार को 1 बजे हम डॉक्टर अर्चना गोयल से उनके प्राइवेट क्लिनिक गोयल नर्सिंग होम में जा कर के मिले। उन्होंने खुद न बात करते हुए हमे डॉ. अनिल गोयल उनके पति से मिलवाया और बात करने को कहा और वे खुद वह से उठ कर के चली गयी।

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