22 अगस्त को देश के उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए तीन तलाक़ को असंवैधानिक करार दे दिया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ मामले पर छः महीने तक बैन भी लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ पर फैसला सुनाते हुए मामले पर 6 महीने की रोक लगा दी थी. कोर्ट में पांच में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था.
3 तलाक पीड़ित महिलाओं को मुआवजा मिले:
- जबकि आरएसएस के इंद्रेश कुमार का बयान आया है.
- उनका कहना है कि सभी धर्मों को बिल में शामिल किया जाए.
- 3 साल की सजा पर प्रस्ताव मांगा जाए.
- 3 तलाक पीड़ित महिलाओं को मुआवजा मिले.
- बिल में मुआवजा देने का प्रावधान हो
- हिंदू धर्म में कई शादी करने वालों पर कार्रवाई हो
- सरकार बिल में पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने का प्रावधान का भी जिक्र करे
- तलाक शुदा पीड़ित महिलाओं के बच्चों का भी रखा जाए ध्यान
- ज़िले में बनाई जाये कमेटी, तलाक शुदा महिलाओं को मिले मदद
- हिंदू धर्म मे कई शादी करने वाले लोगो पर भी कार्यवाही हो
- हिन्दू ,ईसाई धर्म को भी शामिल किया जाये
- केंद्र से बिल राज्य सरकारों के पास भी आएगा
- सभी लोग इस बिल में अपना सुझाव भेज सकते है
तीन तलाक ख़त्म करने को लेकर आ सकता है बिल:
- केंद्र सरकार शीत सत्र में तीन तलाक खत्म करने के लिए विधेयक ला सकती है.
- सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक को ख़त्म करने की कोशिशें तेज कर सकती है.
- इसके लिए बाकायदा विधेयक लाने और संसद में प्रस्तुत करने की तैयारी हो रही है.
- हालाँकि अभी शीतकालीन सत्र को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है.
- गुजरात चुनाव के बीच अभी शीतकालीन सत्र को लेकर कोई चर्चा नही है.
- शीत कालीन सत्र में सरकार ट्रिपल तलाक को पूरी तरह ख़त्म करने की कोशिश में है.