उत्तर प्रदेश में भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी मुक्त प्रदेश होने का दावा कर रही हो लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर जिला का है। यहां तैनात एक इंस्पेक्टर की व्हाट्सएप्प चैट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। चैट वायरल होते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। वायरल चैट में इंस्पेक्टर ने एडीजी के यहां पचास हजार रुपये देकर पसंदीदा जिला और मलाईदार थाना पर पोस्टिंग मिलने का दावा किया। दावा है कि ये पैसे एसएसपी के एक करीबी को देने पड़ते हैं इसके बाद मन पसंद का थाना मिल जाता है। चैट वायरल होने के बाद कप्तान ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, बुलंदशहर जिला में तैनात डिबाई थाना प्रभारी नोएडा से आए हैं। इंस्पेक्टर परशुराम का दावा है कि योगीराज में पैसे देकर मलाईदार पोस्टिंग मिल रही है। वायरल चैट में इंस्पेक्टर ने दावा किया कि ADG के यहां 50,000 रुपये देकर पसंदीदा जिला मिलता है। दावा है कि पसंदीदा थाना के लिए एसएसपी भी पैसे लेते हैं। इंस्पेक्टर ने एसएसपी के करीबी को 3 लाख देने दावा भी किया है। ये चैटिंग SHO डिबाई के सीयूजी नंबर से चल रही थी। चैट में इंस्पेक्टर ने दावा किया कि वह पैसे देकर बुलंदशहर जिले में नई तैनाती पाए हैं।
चैट में इंस्पेक्टर परशुराम ने अफसरों पर रूपए लेकर तैनाती देने के कई दावे किए। चैट करने वाला युवक तैनाती की मांग कर रहा था। सख्श एक एसआई को चौकी दिलवाने की मांग कर रहा था। चैट वायरल होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस आलाधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए मीडिया से दूरी बनाये हुए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर परशुराम को बुलंदशहर एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। एसएसपी ने बताया कि इंस्पेक्टर परशुराम ने खुद के खिलाफ साइबर क्रिमिनल द्वारा साइबर क्राइम की बड़ी साजिश बताई थी। फिलहाल इंस्पेक्टर को निलंबित कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।