हमारे देश में पेशेवर डिजाइनरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2016 में जहां सात हजार डिजाइनरों की जरूरत थी वहीं 2020 में 62 हजार डिजाइनरों की आवश्यकता होगी। डिजाइन विशेषज्ञ अब बड़े कॉर्पोरेट्स, रिटेल चेन में मुख्य कारोबारी टीम का अहम हिस्सा बन रहे हैं।साथ ही उनके काम का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए इंटर डिसिप्लीनरी एजुकेशन के माध्यम से डिजाइनर तैयार किये जा रहे हैं।
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छात्रों को इंटरनेशनल एक्सपोजर की है जरुरत
- आज के ज़माने में हर कोई खुद को मॉडर्न दिखाने के लिए अपना हर संभव प्रयास करता है।
- इसके लिए उनकी पहली पसंद डिज़ाइनर कपड़ें और डिज़ाइनर घर की होती है।
- घर के लिए लोग आज इंटीरियर डेकोरेशन के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं।
- ऐसे में डिजाइनर के काम का दायरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
- आज डिजाइनर की जिम्मेदारियों में उन सभी प्रक्रियाओं में सहयोग करना, कार्यप्रवाह का प्रबंधन करना भी शामिल है।
- जो व्यापक स्तर पर डिजाइन को जाहिर करने में जरूरी होती हैं।
- इंटीरियर डिजाइनर जैसे डिजाइन विषेशज्ञ आज कॉर्पोरेट्स, होटलों और रिटेल चेन के साथ काम कर रहे हैं।
- इसी तरह प्रोडक्ट डिजाइनरों की जरूरत बड़ी मैन्युफैक्चरिंग या सर्विस कंपनियों में भी है।
- रिटेल विशेषज्ञ, मार्केटर्स, सीआरएम विशेषज्ञ, ब्रांड मैनेजर्स, रिसर्चर और अन्य पेशेवरों के साथ ही साझेदारी करें।
- जिससे वे समय और सटीक गुणवत्ता के साथ अपनी सेवाओं की डिलीवरी कर सकें।
- उद्योग की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डिजाइन संस्थानों की स्थापना जरूरी है।
- पर्ल एकेडमी अंतर-संकाय लर्निंग माहौल विकसित करने का प्रयास कर रही है।
- जिसमें अन्य संकायों के साथ सहयोग पर जोर देना शामिल हैं।
- एकेडमी एक्सचेंज प्रोग्रामस, इंटरनेशनल फैकल्टी और डिजाइन विचारकों की मदद से छात्रों को इंटरनेशनल एक्सपोजर देती है।
- जिससे उन्हें संपूर्ण अंतर-संकाय और इंटरनेशनल लर्निंग अनुभव प्राप्त हो सके।
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