उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बवाल के बाद स्थिति को नियंत्रण में बने रखने के लिए वहां पुलिस बल तैनात किया गया है। जिसके बाद से वहां स्थिति नियंत्रण में हैं, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने सहारनपुर में इंटरनेट सुविधा प्रदान करने वाली कंपनियों को मैसेज सेवा तथा सोशल मीडिया पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। गौरतलब हो की कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पिछली घटनाओं में सोशल मीडिया का इस्तेमाल अफवाह तथा भ्रामक सूचना फैलाने में किया जा रहा था। जिसके चलते सरकार ने ये सख्त कदम उठाया है।
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हिंसा में धधक रहा सहारनपुर
- बता दें कि सहारनपुर के शब्बीरपुर में मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती के कार्यक्रम के बाद बडग़ांव क्षेत्र में बवाल बढ़ गया।
- इससे कई गांव हिंसा की चपेट में आ गए।
- इस हिंसा को देखते हुए शासन ने प्रदेश भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
- सरकार ने हिंसा भड़काने वालों पर मेरठ जोन के एडीजी, मुजफ्फरनगर के एसएसपी को सहारनपुर कैंप करा दिया है।
- पश्चिमी यूपी में जातीय रैलियों, आंदोलन, धरना-प्रदर्शन पर रोक है।
- पूरे इलाके में पीएसी और आरएएफ की टुकडिय़ां डेरा डाले हैं।
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- हिंसा भड़कने से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी को तलब कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
- इसके बाद प्रदेश के सभी डीएम, एसएसपी को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश में स्पष्ट कहा गया है।
- इस मामले में प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि सचिव (गृह) मणि प्रसाद मिश्र, एडीजी (कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्र, आइजी एसटीएफ अमिताभ यश, डीआइजी सुरक्षा विजय भूषण हालात को नियंत्रित करने में लगे हैं।
- मेरठ जोन के एडीजी कैम्प कर रहे है।
- पांच कंपनी अतिरिक्त पीएसी और दो कंपनी आरएएफ मौके पर है।
- कुछ अधिकारियों को जातीय हिंसा पर अंकुश कर पाने में विफलता की कार्रवाई की गई है।
- सचिव गृह के नेतृत्व में भेजा गया अधिकारियों का दल हिंसा नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के साथ ही हिंसा के लिए जिम्मेदारी भी तय कर रहा है।
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