चकगंजरिया स्थित कैंसर संस्थान के एक चिकित्सक पर निजी प्रेक्टिस का आरोप लगा था। एक क्लीनिक में चिकित्सक द्वारा मरीज देखने का वीडियो भी सामने आ गया था। जिसकी शिकायत भी हुयी थी। इसके बाद कैंसर संस्थान के कार्यवाहक निदेशक व केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। मामले की जांच चार सदस्यी कमेटी ने शुरू भी कर दी थी। यह मामला लगभग एक महिने पुराना बताया जा रहा है। जिस चिकित्सक पर प्राइवेट प्रेक्टिस करने का अरोप लगा है,वह पहले केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग में तैनात थे।
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प्राइवेट प्रैक्टिस का लगा था आरोप
- बताते चले कि बीते दिनों एक वीडियो में कैंसर संस्थान के एक डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए दिखाया गया।
- बाकायदा मरीज को एक छोटे से केबिन में देखते हुए दिखाया गया।
- इसकी शिकायत संस्थान के कार्यवाहक निदेशक व केजीएमयू कुलपति से हुई।
- शिकायत के बाद कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
- जांच कमेटी में कैंसर संस्थान के सीएमएस डॉ. देश पाल, केजीएमयू की डीन डॉ. विनीता दास हैं।
- इसके साथ ही इस जांच कमेटी में सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार और डॉ. यूबी मिश्रा भी शामिल हैं।
- शिकायतकर्ता ने कमेटी के सामने वीडियो रिकार्डिंग पेश की।
- जिसमें शिकायतकर्ता के लिखित बयान हैं। साथ ही और शिकायत से जुड़े और वीडियो मांगे गए हैं।
- जांच अधिकारियों का कहना है कि जिस वीडियो के आधार पर शिकायत की गई है।
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- उसमें दिन व तारीख का जिक्र नहीं किया गया। साथ ही क्लीनिक के स्थान का भी पता नहीं चल रहा है।
- फिलहाल दो अगस्त को कमेटी ने बैठक बुलाई है। जिसमें शिकायतकर्ता को बुलाया गया है।
- केजीएमयू के सीएमएस व जांच कमेटी के सदस्य डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि सरकारी सेवा में रहते हुए कोई भी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकता है।
- शिकायत के आधार पर मामले की जांच चल रही है। शिकायतकर्ता से और सुबूत भी मांगे गए हैं।
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