यूपी के नागरिक सुरक्षा विभाग में तैनात दलित महिला अधिकारी द्वारा बीते सप्ताह लखनऊ के सीजेएम (Physical exploitation) न्यायालय में यूपी कैडर के IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर, अमिताभ की पत्नी नूतन ठाकुर, नागरिक सुरक्षा की अनिता प्रताप और सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 119, 120A, 120B, 167, 177, 182, 192, 196, 204, 420, 504, 506, 354A, 354C, 354D, 509, 494 आदि में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
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नहीं दर्ज हो चुके बयान
- न्यायालय में पंजीकृत हो चुकी इस शिकायत में अभियुक्तों के खिलाफ शारीरिक शोषण करने की नीयत से पड़ का दुरुपयोग कर उत्पीड़न करने, द्विअर्थी भाषा में बात करने, धमकी देने, अश्लीलता करने, महिलाओं का शारीरिक उत्पीड़न करने के लिए संगठित गिरोह चलाने, साजिश करने, फ्रॉड करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
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- बीते कल पीड़िता अपने बयान दर्ज कराने न्यायालय गई थी परंतु अधिवक्ता संघ के चुनाव के कारण पीड़िता का बयान नहीं हो पाया।
- अदालत ने (Physical exploitation) पीड़िता को आदेश दिया है कि वह आने वाली 16 तारीख को न्यायालय में उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराए।
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महिला अधिकारी ने लगाए आरोप
- इस मामले में uttarpradesh.org से खास बातचीत में पीड़ित महिला अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2014 में वह सिविल डिफेन्स में कानपुर में पोस्टेड थी।
- आरोप है आईजी अमिताभ ठाकुर ने इस दौरान पीड़िता पर डोरे डालने शुरू किये।
- आरोप है कि विरोध करने पर आईपीएस ने फर्जी दस्तावेज बनवाने शुरू किये और तरह-तरह की जांचे शुरू कर दी।
- पीड़िता जब परेशान हो गई तो अगस्त 2014 में उसने आईपीएस और उनके सहयोगियों के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट का मुकदमा दर्ज करवा दिया।
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छुट्टी के दौरान कर दिया ट्रांसफर
- पीड़िता ने बताया कि जब वह अपने नाबालिग बच्चों की परीक्षा के लिए 4 दिसंबर से 28 दिसंबर तक छुट्टी पर थी तभी उसका वाराणसी ट्रांसफर कर दिया गया।
- पीड़िता ने बताया कि पुलिस रस्सी का सांप कैसे बनाती है ये तो सब बखूबी जानते हैं।
- पीड़िता का आरोप है कि उसे चरित्रहीन साबित करने के लिए आईपीएस की पत्नी नूतन ठाकुर भी उसके साथ आ गई।
- पीड़िता ने बताया कि उसके पति हार्ट पेसेंट हैं इसका आईपीएस अधिकारी लाभ उठाना चाह रहा था।
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भगवान् ने बचाई बर्खास्तगी
- पीड़िता ने बताया कि एक कहावत है कि ‘जिसको राखे साइयां मार सके ना कोई’ यह इस घटना में सटीक बैठी।
- पीड़िता ने बताया कि उसकी बर्खास्तगी के लिए उसके फोन कॉल टेप करवाये।
- उनकी सीडी बनाकर रात 11 बजे घर भेजा।
- आरोप यह भी है आईपीएस उसकी नींद हराम कर रहे थे।
- वो वेबजह उसे रात में डाक भेजवाते थे।
- उन्होंने पीड़िता की बर्खास्तगी की पूरी फाइल तैयार कर दी थी।
- 9 जुलाई 2015 बर्खास्तगी को कार्रवाई की गई।
- लेकिन तब तक मुलायम सिंह यादव फोन पर धमकी कांड हो गया।
- तो आईपीएस 13 जुलाई को सस्पेंड कर दिया गया।
- पीड़िता का सीधा आरोप है कि पत्नी के संरक्षण में वह उसके साथ शारीरिक शोषण का प्रयास कर रहे थे।