यूपी में आईपीएस अफसरों के अधिकार में कटौती का मुख्य सचिव राजीव कुमार द्वारा फरमान जारी होने के बाद आईपीएस अधिकारी और आईएएस अधिकारी सामने-सामने आ गए हैं। भले ही अधिकारी कैमरे के सामने कुछ ना बोल रहे हों लेकिन सोशल मीडिया पर ये जंग छिड़ी हुई है। कोई इसे बेहतर बता रहा है तो कोई इसे गलत बताने पर जुटा हुआ है।
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ने facebook पर बयां किया दर्द
- बता दें कि मुख्य सचिव के आईपीएस अधिकारियों के काम में कटौती के इस फरमान (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की जगह हर महीने की 7 तारीख को जिलाधिकारी (DM) क्राइम मीटिंग लेंगे) के बाद दोनों संगठन आमने-सामने आ गए हैं।
- लेकिन इस नए फरमान से सहारनपुर क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर गिरीश कुमार जयंत काफी खुश हैं।
- उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि “अच्छा हुआ अब क्राइम मीटिंग जिले में एसएसपी की जगह डीएम लेंगे, एसओ और एसएचओ को गलियां नहीं मिलेंगी और ना ही मैदान के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
- बता दें कि सहारनपुर के एसएसपी बबलू कुमार ने पिछले महीने पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में जनपद के 22 थानों के प्रभारियों, सभी सर्किल के सीओ, एसपी सिटी और एसपी देहात के साथ क्राइम मीटिंग की।
- पुलिसिंग में लापरवाही बरतने पर कोतवाली देवबंद, गंगोह और थाना गागलहेड़ी प्रभारी की एसएसपी ने क्लास लगाते हुए जमकर फटकार लगाई थी।
- इसके बाद एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों की वर्दी, बाल, नाखून, दांत चेक किए और थाने के वाहन में दंगा नियंत्रण उपकरण देखे।
- कई थाना प्रभारियों की वर्दी पूरी नहीं मिली और ना ही वाहन में दंगा नियंत्रण उपकरण दिखे।
- इन थाना प्रभारियों की एसएसपी ने जमकर क्लास ली।
- तत्पश्चात कप्तान ने सभी थाना प्रभारियों को पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड में दौड़ लगवाते हुए चार-चार चक्कर लगवाए थे।
- कुछ थानेदार चंद कदम चलकर ही हांफ गए थे।
- इसके बाद थानेदारों में एसएसपी के इस रवैये से काफी आक्रोश व्याप्त हुआ था।
कल लखनऊ में एकजुट होंगे आईपीएस अफसर
- उत्तर प्रदेश में तैनात कप्तानों (आईपीएस) अधिकारियों के अधिकार कम किये जाने के बाद आईपीएस एसोशिएसन के नेतृत्व में मंगलवार को राजधानी लखनऊ में आईपीएस एकजुट होंगे।
- संगठन के अध्यक्ष प्रवीण सिंह कल मीटिंग करेंगे।
- बता दें कि आईपीएस अधिकारी इस बात से बेहद नाराज हैं कि क्राइम मीटिंग की अध्यक्षता डीएम करेंगे।
- यूपी के डीएम अब क्राइम मीटिंग खुद लेंगे इस क्राइम मीटिंग में SSP को मौजूद रहना होगा।
- जिलाधिकारी अब अपराध पर सीधा सवाल पूछेंगे।
- अब थानाध्यक्षों की तैनाती में औपचारिकता नहीं चलेगी।
- अब SSP क्राइम मीटिंग अकेले नहीं करेंगे।
तो क्या क्राइम की घटना पर जिम्मेदार भी होंगे डीएम
- अब आईपीएस अधिकारियों की जुबान पर सवाल आने लगे हैं कि क्या जिले में पुलिस का कप्तान डीएम होगा?
- मुख्य सचिव के आदेश के बाद जिलों के कप्तानों के बीच असमंजस बना हुआ है।
- वहीं सोशल मीडिया पर कुछ संदेश चर्चा का विषय बने हुए हैं इनमें लिखा है कि आदरणीय चीफ सेक्रेटरी साहब आपसे तीन सवाल
- पहला- जिलों में गम्भीर अपराध होने पर DM नपेंगे?
- दूसरा- क्राइम होने पर मीडिया के सवालों के जवाबदेह DM होंगे?
- तीसरा- सबसे बड़ा सवाल क्या रात्रि गश्त कलेक्टर साहब करेंगे?
परंपरा को भूले बैठे आईपीएस अधिकारी
- कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम ना छपने की शर्त पर बताया कि नियमानुसार जिलाधिकारी ही क्राइम मीटिंग करता है।
- परन्तु पुलिस अधिकारियों द्वारा क्राइम मीटिंग किये जाने की परम्परा चली आ रही है।
- थानाध्यक्षों की तैनाती कानूनी तौर पर जिलाधिकारियों द्वारा की जाती है।
- परन्तु वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार एसएसपी व एसपी स्वयं निर्णय लेकर जिलाधिकारियों से औपचारिक आदेश करवा लेते थे।
- लेकिन अब ऐसा नहीं होगा मुख्य सचिव ने ये पुराना कानून लागू करने के आदेश जारी किये हैं।
- इसमें किसी को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए।
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