डीएम द्वारा क्राइम मीटिंग मामले में डीजीपी ऑफिस ने आदेश पर एतराज जताया है. मुख्य सचिव के आदेश पर डीजीपी सहित आईपीएस एसोसिएशन ने भी विरोध किया है. एसोशिएशन का मानना है कि इस आदेश से एसपी की हैसियत कम होगी. आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा कि इस आदेश से कानून-व्यवस्था बेहतर होगी.लेकिन नए आदेश से युवा आईपीएस अधिकारी हतोत्साहित होंगे. उन्होंने कहा कि इस आदेश से संगठन को आपत्ति है.
आईपीएस एसोसिएशन ने किया ट्वीट:
इस मुद्दे को लेकर आईपीएस एसोसिएशन ने सीएम योगी आदित्यनाथ से ट्वीट कर अपील की है और कहा है कि प्रकाश सिंह केस में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित पुलिस सुधार का कार्यान्वयन कराएं. SSPs को ज्यादा operational freedom मिले और अन्य राज्यों की तरह UP के बड़े शहरों मे भी पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो.
माननीय मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath से निवेदन है कि प्रकाश सिंह केस में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित पुलिस सुधार का कार्यान्वयन कराएं। SSPs को ज्यादा operational freedom मिले और अन्य राज्यों की तरह UP के बड़े शहरों मे भी #PoliceCommissionerateSystem लागू हो।
— IPS Association (@IPS_Association) December 12, 2017
लॉ एंड ऑर्डर से संबंधित है सर्कुलर:
- आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा है कि मुख्य सचिव के द्वारा जारी सर्कुलर को मैंने पढ़ा और देखा है.
- ये सर्कुलर क्राइम मीटिंग से संबंधित ना होकर लॉ एंड आर्डर से संबंधित है.
- कानून-व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक की भी होती है.
- अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक का एक्सक्लूसिव डोमेन है.
- उन्होंने बताया कि ये सर्कुलर सितंबर महीने का है.डीजीपी ने इस मामले में अपना मत पिछले महीने नवंबर में ही भेज दिया था.
- अब शासन को निर्णय लेना है कि इस व्यवस्था का अंतिम रूप क्या होगा.
- आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने अपने बयान में कहा कि नए आदेश से हमें आपत्ति है
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