रविवार को भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने एक महिला आईपीएस अधिकारी चारु निगम के साथ बदसलूकी की थी, जिसके बाद महिला आईपीएस वहीँ सबके सामने रोने लगी थी। मामले में राधा मोहन दास अग्रवाल के इस व्यवहार की काफी निंदा की गयी थी। सोमवार को राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस की, जिसके बाद बदसलूकी के इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
पुलिस दे रही है अवैध शराब को संरक्षण:
- आईपीएस अधिकारी से बदसलूकी के मामले में भाजपा नेता की काफी आलोचना की गयी थी।
- जिसके बाद सोमवार को भाजपा नेता ने मामले में प्रेस कांफ्रेंस की।
- जिसमें उन्होंने कहा कि, पुलिस प्रशासन अवैध शराब को संरक्षण देने का काम कर रहा है।
- उन्होंने आगे कहा कि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल थी।
- गौरतलब है कि, महिला के गर्भ में 5 माह का बच्चा था, उसके साथ भी पुलिस ने मारपीट की।
गर्भवती महिला और बच्चों पर लाठीचार्ज:
- आईपीएस से बदसलूकी के मामले में भाजपा विधायक ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस की।
- जिसके बाद मामले को एक नया मोड़ मिल गया है।
- प्रेस कांफ्रेंस में वह गर्भवती महिला भी मौजूद थी, जिस पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं थीं।
- घटनास्थल पर पहुंचे भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल महिलाओं और बच्चों पर लाठीचार्ज के आदेश को लेकर SDM से बातचीत कर रहे थे,
- वहीँ SDM से जानकारी ले रहे भाजपा विधायक का IPS चारू का बीच में बोलना पसंद नही आया।
आईपीएस चारू ने सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट:
- भाजपा विधायक द्वारा बदसलूकी के मामले में रोने के बाद आईपीएस चारु ने इसका जवाब सोशल मीडिया पर दिया था।
- फेसबुक पर पोस्ट के माध्यम से उन्होंने कहा था कि, वे बदसलूकी की वजह नहीं रोई थीं।
- उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा था कि, साथी पुलिस के उनके समर्थन में खड़े होने की वजह से वे भावुक हुई थीं।
- इतना ही नहीं अपने फेसबुक पोस्ट की शुरुआत उन्होंने चार लाइनों की शायरी से शुरू की थी।
देखें वीडियो:
#गोरखपुर: लाठीचार्ज के बाद महिला के पेट पर आईपीएस चारू निगम ने मारी लात- पीड़िता ने लगाये आईपीएस पर लगाये गंभीर आरोप. @IPS_Association pic.twitter.com/PjqnpiWQ2w
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) May 8, 2017
किसे मिलेगा इंसाफ?:
- भाजपा विधायक द्वारा महिला आईपीएस अधिकारी के साथ बदसलूकी के मामले में नया मोड़ आया है।
- लेकिन भाजपा विधायक की बदसलूकी के बाद आईपीएस की आँखों से निकले आंसुओं के बाद सिक्का का दूसरा पहलु दरकिनार हो गया।
- मामले में उस गर्भवती महिला के आंसुओं को कोई जगह नही दी गयी, जिसके गर्भ में 5 महीने का बच्चा था।
- साथ ही 10 साल के उस मासूम की चोटें किसी को नहीं दिखी जिस पर पुलिस की लाठीचार्ज का कहर टूटा।
- इतना ही नहीं भाजपा विधायक के अनुसार, बच्चे को गड्ढे में फेंक दिया गया था।
- मामले को मिले नए मोड़ के बाद ये देखना दिलचस्प होगा कि, इंसाफ किसे मिलता है।
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