प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जो देश के ग्रामीण इलाकों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का काम करती है। जिससे उस क्षेत्र का विकास हो सके। इन सड़कों को बनाने के बाद 5 साल तक उसकी देख रेख करना कार्यदायी फर्म की होती है। लेकिन गाजीपुर में इन दिन इन सड़कों में मानक की धज्जी उड़ाने का का मामला सामने आया है और वह भी किसी और के द्वारा नहीं बल्कि जमानिया से बीजेपी विधायक प्रतिनिधि/पति के द्वारा। इनकी फर्म के द्वारा एक सप्ताह पूर्व बनाई गई सड़क ने अभी से अपनी बदहाली दिखाना शुरू कर दिया है। आने वाले 5 साल मे सड़क का क्या हाल होगा ये अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं।
गाजीपुर जिला के फतेउल्लाहपुर से बरहट जिसकी लम्बाई 8 किमी है। इस सड़क को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाने का कार्य आरम्भ किया गया। इस सड़क को बनवाने के लिये 355 लाख का बजट का प्रस्ताव हुआ। मेसर्स परिक्षित सिंह ट्रक सिंडिकेट मेन रोड बक्सर के द्वारा बनवाना आरम्भ हुआ। इस सड़क को बनवाने का जो मानक है उसका बोर्ड सड़क के किनारे लगाया गया।
उस मानक के अनुसार मिट्टी कार्य कराकर उस पर पानी डाल कर दबाना। उसके बाद रेत या पत्थर का चूरा डाल सडक का लेबल बराबर करना होता है। इसके बाद डब्लूबीएम की 2 परत डालनी है। प्रत्येक परत 7.5 सेमी मोटी होनी चाहिये और इसके बाद ही पीसी कर चलने योग्य बनाया जाता है।
इस तरह से यह सडक एक सप्ताह पूर्व बनकर तैयार हुआ। लेकिन इस सड़क में मानक का कितना ख्याल रखा गया है इसकी गवाही यह सड़क खुद अनपनी जुबान से दे रहा है जो एक सप्ताह के अन्दर ही उखड़ने लगा। इसको लेकर स्थानीय लोगो मे काफी रोष व्यापत है। इन सभी का यही कहना है कि जब योगी के सरकार में विधायक के लोग इस तरह के कार्य करेंगे तो फिर अन्य ठेकेदार या फर्म क्या काम करेगी।
पीएमजेएसवाई लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सुनील सागर से जब एक सप्ताह के अन्दर बने सड़क के इस हाल पर विभाग के अधिकारी से जानना चाहा तो उनका कहना है कि इस सड़क से 900 मीटर अन्दर नेशनल हाईवे जो वाराणसी से गोरखपुर के लिए फोरलेन बन रही है। उसका एक प्लाण्ट इस सड़क के अन्दर है। जिसपर प्रतिदिन ओवर लोड वाहन करीब 120 के आसपास चल रही है और यह सड़क उस भार के लिये नहीं बल्कि ग्रामीण सड़क के अनुसार बनी है। इसलिये नेशनल हाईवे को पत्र लिख उस सडक की मरम्मत के लिये लिखा गया है।
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