उत्तर प्रदेश की राजनीति भी काफी अजीब होती जा रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जो अपने कड़े फैसलों और कानून व्यवस्था को लेकर सख्त आदेशों के कारण चर्चा में रहते हैं, इन दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की कही बातों पर चलते दिख रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। विपक्ष में आने के बाद वे आये दिन राज्य सरकार पर ट्वीट के माध्यम के हमला करते रहते हैं। इन दिनों के अखिलेश यादव के ट्वीट्स पर नजर डालें तो देखने को मिलेगा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उन्हें फॉलो करते दिख रहे हैं।
अखिलेश यादव ने किया था तूफ़ान का ट्वीट :
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश में आये तूफ़ान के कारण हुई मौतों को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि तूफान के कारण पश्चिमी यूपी को मानव नुकसान का सामना करना पड़ रहा था लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री कर्नाटक विधानसभा चुनावों में प्रचार करने में व्यस्त थे। अखिलेश यादव के इस ट्वीट के तुरंत बाद सीएम योगी ने अपना कर्नाटक और वहां रद्द किया और यूपी वापस आ गए और तूफ़ान पीड़ितों से मुलाकात कर उनका दर्द जाना और अधिकारियों को राहत उपाय पहुँचाने के निर्देश दिए।
CM को कर्नाटक का चुनाव प्रचार छोड़कर तुरंत यूपी वापस आना चाहिए था. जनता ने उन्हें अपने प्रदेश की समस्याओं के समाधान के लिए चुना है, नाकि कर्नाटक की राजनीति के लिए. इन हालातों में भी अगर वो वापस नहीं आते हैं, तो फिर वो हमेशा के लिए अपना मठ वहीं बना लें. @CMOfficeUP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 3, 2018
सीतापुर की घटना पर अखिलेश यादव का ट्वीट :
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पास सीतापुर जिले में कुछ आदमखोर कुत्तों ने गाँव के छोटे बच्चों पर हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया था। जब प्रशासन और पुलिस उन कुत्तों को पकड़ने में नाकामयाब रही तो अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि ‘मुठभेड़ों’ की सरकार भटक गए जानवरों को नियंत्रित करने में नाकाम रही। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कठोर निर्देशों के साथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सपा नेता के ट्वीट के बाद ही तुरंत सीतापुर चले गए हैं।
जिनके लिए चुनाव प्रचार लोगों की ज़िदंगी से ज़्यादा ज़रूरी है और जो जनता के भारी आक्रोश और दबाव के बाद ही दूसरे राज्य से वापस आने के लिए बेमन से मजबूर हुए, वो औरों को संवेदनहीन कह रहे हैं. ये विडम्बनाकारी विरोधाभास है क्योंकि हमने ही सबसे पहले पीड़ितों की मदद की अपील व पहल की थी.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 5, 2018
इलाहाबाद की घटना पर अखिलेश का ट्वीट :
उत्तर प्रदेश के इलाहबाद जिले में दिनदहाड़े हुई वकील की ह्त्या पर चारों तरफ हडकम्प मच गया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा था कि इलाहाबाद में एक वक़ील की सरेआम हत्या, प्रदेश में ध्वस्त क़ानून व्यवस्था का सबूत है। इस सरकार ने प्रदेश को रक़्तरंजित कर दिया है। प्रदेश की जनता भय के माहौल में घुटन महसूस कर रही है और इस सरकार से मुक्ति के लिए छटपटा रही है। सरकार अपराधियों के हाथ का खिलौना बन गयी है। विडंबना यह है कि सपा नेता, जो यूपी में अपने पूरे शासनकाल के दौरान हमेशा गरीब कानून और व्यवस्था के लिए आग लग रहे थे, को इलाहाबाद में एक वकील की दिनदहाड़े हत्या के बाद योगी सरकार पर कथित टिप्पणी करने का मौका मिला गया।
इलाहाबाद में एक वक़ील की सरेआम हत्या, प्रदेश में ध्वस्त क़ानून व्यवस्था का सबूत है. इस सरकार ने प्रदेश को रक़्तरंजित कर दिया है. प्रदेश की जनता भय के माहौल में घुटन महसूस कर रही है और इस सरकार से मुक्ति के लिए छटपटा रही है. सरकार अपराधियों के हाथ का खिलौना बन गयी है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 10, 2018
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस ट्वीट के बाद सीएम योगी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलारी को वहां से हटा दिया और शुक्रवार को नितिन तिवारी को प्रतिस्थापित किया गया। हम इसे योगी, विपक्षी नेता या सोशल मीडिया की ताकत की कमजोरी कह सकते हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से, योगी के कार्यों को अखिलेश के विस्फोट की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा सकता है। अब इस मामले में अगर कुछ किया जाता है, तो एसपी अध्यक्ष क्रेडिट ले सकते हैं ? कौन जानता है ?