उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से आईएसआई एजेंट रमेश सिंह कन्याल को गिरफ्तार किया है। आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि आरोपित को पिथौरागढ़ कोर्ट में पेश किया गया। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया है, ताकि उससे गहनता से पूछताछ की जा सके।
भारतीय दूतावास के उच्चायुक्त कार्यालय में रसोइया बनकर रहा था आरोपी
एडीजी कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार और आईजी एटीएस आनंद कुमार ने बताया कि पिथौरागढ़ के डीडीहाट तहसील के गराली गांव निवासी रमेश सिंह वर्ष 2015 में पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के उच्चायुक्त कार्यालय में रहा था। वह एक भारतीय अधिकारी के साथ रसोइया बनकर वहां गया था। बताया गया कि पाकिस्तान में वह दो साल पांच माह रहने के बाद सितंबर 2017 को भारत लौट आया था। तभी से खुफिया इकाइयां उसके बारे में छानबीन कर रही थीं। उत्तराखंड में रमेश ने तहसील बंगापानी के अंतर्गत पड़ने वाले नेपाल सीमा से सटे बलमरा गांव में सस्ते गल्ले की दुकान खोल ली थी। एटीएस ने मिलिट्री इंटेलीजेंस व उत्तराखंड पुलिस की मदद से मंगलवार रात रमेश को उसके किराए के कमरे से पकड़ा।
यूपी एटीएस ने पिथौरागढ़ पुलिस के साथ मिलकर घर से दबोचा
उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह पिथौरागढ़ पुलिस की सहायता से यूपी एटीएस ने रमेश सिंह कन्याल को उसके घर से दबोचा है। उन्होंने बताया कि रमेश कन्याल का भाई भारतीय सेना में तैनात है। सूत्रों के अनुसार वह पाकिस्तान में रहने के दौरान आईएसआई के संपर्क में आ गया था और उनके लिए सूचनाएं जुटाने का काम करने लगा था। उसे आईएसआई ने करीब पांच लाख रुपये भी दिए थे। आरोपित से पूछताछ में अन्य अहम जानकारियों सामने आएंगी।
भारतीय सेना में तैनात एक ब्रिगेडियर के घर करता था नौकरी
उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले उसके भाई ने भारतीय सेना में तैनात एक ब्रिगेडियर के घर नौकरी पर लगवाया था। कुछ समय बाद ब्रिगेडियर की पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास में पोस्टिंग हो गई। घर के कामकाज में रमेश कन्याल अच्छा था, इसलिए ब्रिगेडियर उसे भी पाकिस्तान ले गए। आरोप है कि वहां रमेश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में आ गया।
यूपी एटीएस थाने में 20 मई को दर्ज हुआ था मुकदमा
एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि इस संबंध में लगातार इनपुट लिए जा रहे हैं। यहां वह किसी संदिग्ध गतिविधियों में तो संलिप्त नहीं था, इसके बारे में उत्तराखंड इंटेलीजेंस को भी अलर्ट कर दिया गया है। रमेश दो सालों तक पाकिस्तान में रहा और लगातार ब्रिगेडियर के बारे में सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को देता रहा। यूपी एटीएस थाने में उसके खिलाफ 20 मई को मुकदमा दर्ज किया गया था।