[nextpage title=”इटली के बुजुर्ग दम्पत्ति ने लगाए सात फेरे” ]
भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर मन्दिर में इटली के बुजुर्ग दम्पत्ति ने लगाए सात फेरे। आगरा में ताज देखने के बाद बनाया था हिन्दू रीती रिवाज से शादी का मन। देवोत्थान का पर्व हिंदू सभ्यता के लिए बहुत अहम होता है। इस पर्व पर से हिन्दू परम्परा से हिन्दू धर्म में शादियां शुरू हो जाती है।

अगले पेज पर वीडियो में देखिये कैसे इटली के बुजुर्ग दम्पत्ति ने लगाए सात फेरे:

[/nextpage]

[nextpage title=”इटली के बुजुर्ग दम्पत्ति ने लगाए सात फेरे” ]

https://youtu.be/_YRYE_BMYMU

  • इसी रीति-रिवाज पर इटली का दंपति भी फिदा हो गया।
  • इटली से भारत घूमने आए 70 वर्षीय बुर्जुग दंपति को भारतीय परम्परा बहुत पसंद आई।
  • वो भी अपने आप को इस संस्कृति से के रंग में सराबोर होने से नहीं रोक सके।
  • उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से शादी की।
  • ये शादी पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी रही।
  • भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में हिन्दू सभ्यता के लिए जानी जाती है।
  • जिस संस्कृति की लोक लुभावनी रहन सहन को देखकर अब विदेशी पर्यटक भी इस सभ्यता को अपनाने से अछूते नही रहे है।
  • विदेशों से भारत घूमने आने वाले पर्यटक हिन्दू सभ्यता के मुरीद हुए है।
  • हिन्दू समाज की संस्कृति और परम्परा से विदेशी पर्यटक यहॉ आकर हिन्दू रीति रिवाज से अपने साथी चुन रहे है।
  • ऐसा ही मामला तीर्थ बटेश्वर में देखने को मिला जहॉ विदेशी पर्यटक इटली के बहिल्ला शहर से भारत घूमने आये।
  • बुजुर्ग दम्पत्ति अरमान्डो 70वर्षीय और उनकी पत्नी रोजी 68 वर्षीय हैं।
  • जो कि आगरा में ताज महल सहित अन्य स्मारकों को देखने के लिए आये थे।
  • वह आगरा से गाइड के साथ बाह के तीर्थ बटेश्वर में भगवान भोले नाथ के 101 प्राचीन मन्दिरों एवं भगवान नेमीनाथ की नगरी शौरीपुर के साथ पुराने बटेश्वर के प्राचीन लोक मेला को देखने के लिए यहॉ पहुचे थे।
  • भारतीय संस्कृति से खुश होकर बुजुर्ग दम्पत्ति ने एक बार किर भगवान भोले शंकर के सामने शादी करने का फैसला लिया।
  • उसके बाद भगवान भोलेनाथ को साक्षी मानकर दोनों बुजुर्ग दम्पत्ति ने पंडित अशोक के मंत्रोउच्चारण के बीच सात केरे लिये।
  • और हिन्दू रीति रिवाज भारतीय संस्कृति से एक दूसरे के दाम्पत्य जीवन में दुबारा से बध गये।
  • उन्हौने भारतीय संस्कृति और सभ्यता की जमकर सराहना की।

[/nextpage]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें