मुंबई, 9 अक्तूबर 2019: इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज या IUC एक मोबाइल टेलिकॉम ऑपरेटर द्वारा दूसरे को भुगतान की जाने वाली रकम है। जब एक टेलीकॉम ऑपरेटर के ग्राहक दूसरे ऑपरेटर के ग्राहकों को आउटगोइंग मोबाइल कॉल करते हैं तब  IUC का भुगतान कॉल करने वाले ऑपरेटर को करना पड़ता है।

  • दो अलग-अलग नेटवर्क के बीच ये कॉल मोबाइल ऑफ-नेट कॉल के रूप में जानी जाती हैं।
  • भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा IUC शुल्क निर्धारित किए जाते हैं और वर्तमान में यह 6 पैसे प्रति मिनट हैं।
  • जियो नेटवर्क से अन्य ऑपरेटरों के नेटवर्क पर किए गए कॉल पर 6पैसा प्रतिमिनट IUC चार्ज का भुगतान करना होगा.
  • IUC के जीरो होने तक ही टॉप-अप वाउचर के माध्यम से टर्मिनेशन शुल्क लिया जाएगा .
  • JIO कंस्यूमर्स के लिए टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं

ट्राई ने 2011 से बार-बार यह कहा है कि IUC शुल्क शून्य किया जाना चाहिए।

1) माननीय उच्चतम न्यायालय में TRAI का 29,अक्टूबर 2011 का हलफनामा:

उद्धरण:

“8.12…। ट्राई की राय है कि टर्मिनेशन शुल्क में लगातार कमी की जानी चाहिए और आखिर में इसे समाप्त किया जाना चाहिए, …….. जो वर्तमान से 2 साल के अंत तक हो जाना चाहिए”

(2011 में, TRAI ने अपनी राय में कहा कि 2014 तक टर्मिनेशन चार्ज शून्य कर दिया जाना चाहिए। इस पर ध्यान  दिया जाना चाहिए कि उस समय ना तो 4G और ना ही Jio मौजूद था।)

2) 2016 में एक पारदर्शी और विस्तृत परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से IUC की व्यापक समीक्षा के बाद, TRAI ने टेलीकम्युनिकेशन इंटरकनेक्शन यूसेज चार्जेज (तेरहवां संशोधन) रेगुलेशन, 2017 जारी किया (जिसे भारत की संसद के समक्ष रखा गया) यह रेगुलेशन कहता है कि:

“2…..

“(A) 1 अक्टूबर, 2017 से 31 दिसंबर, 2019 तक प्रभावी, प्रति मिनट 0.06 (केवल छह पैसे)

 

(B) 0 (शून्य), 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी…”

 

उपरोक्त संशोधन का प्रभाव है:

 

(ए) 1 अक्टूबर 2017 से मोबाइल कॉल के लिए IUC, 14 पैसे प्रति मिनट से घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट कर दिया गया; तथा

 

(b) मोबाइल कॉल के लिए IUC 1 जनवरी 2020 से ZERO होगा।

 

 

3) इसके अलावा इस रेगुलेशन में कहा गया है कि:

 

उद्धरण:

1. “46 … प्राधिकरण का विचार है कि टर्मिनेशन शुल्क नई तकनीकों जैसे VoLTE को अपनाने और

ऑपरेटरों द्वारा आईपी नेटवर्क पर माइग्रेशन को बाधित करने का काम करेगा। ”

 

 

2. “63 …. BAK,  ऑपरेटरों को नई तकनीक में निवेश करने और वॉयस सेवाओं की लागत को शून्य के करीब लाने में मदद करेगा। “(BAK -“बिल एंड कीप” का सामान्य शब्दों में अर्थ है शून्य टर्मिनेशन शुल्क)

 

(हत्तोउत्साहन बावजूद, Jio ने नई तकनीक को अपनाया।)

 

 

3. “59 …. वास्तव में, BAK मोबाइल ट्रैफिक समरूपता के लिए एक उत्प्रेरक होता। यह TSPs को अपने ग्राहकों की कुशलता से सेवा करने के लिए उचित प्रोत्साहन देता और प्रतिस्पर्धा के लिए बाजार को अनुशासित करता।… जाहिर है, लागत-आधारित IUC की मांग, एक दुष्चक्र सरीखा है। केवल IUC आधारित लागत को हटाकर ही इस दुष्चक्र को तोड़ा जा सकता है। ”( महत्वपूर्ण बिंदु रेखांकित किए गए हैं)

 

4. “95…. IUC पर एक स्पष्ट दृष्टिकोण, नियामक प्रणाली को पारदर्शी बनाएगी और इससे सेवा प्रदाताओं को अपने नेटवर्क और व्यवसायों की योजना बनाने में मदद मिलेगी … .. ”

 

5. “96…. इसी वजह से प्राधिकरण वायरलेस टू वायरलेस कॉल के लिए 1 जनवरी 2020 से प्रभावी “बिल एंड कीप”  व्यवस्था का अनुमोदन करता है।”

 

 

6. “47 …… तदनुसार, प्राधिकरण का विचार है कि यदि लागत आधारित घरेलू टर्मिनेशन शुल्क की वर्तमान व्यवस्था लंबे समय तक जारी रहती है तो यह टेलीकॉम सेक्टर के लिए हानिकारक होगा, तथा इसे गलत दिशा में धकेल देगा जैसे  (i) बेहतर प्रौद्योगिकियों को अपनाने में बाधा उत्तपन्न करेगा और (ii) नवीनतम और ग्राहक अनुकूल टैरिफ को रोकेगा; साथ ही साथ यह दूरसंचार सेवा क्षेत्र के विकास के लिए भी हानिकारक होगा। … ”

  • ट्राई के रुख और पहले से ही IUC को शून्य तक कम करने वाले नियमों में किए गए संशोधन के आधार पर, Jio ने अपने ग्राहकों को मुफ्त वॉयस कॉल की सुविधा देने के लिए Airtel और Vodafone-Idea आदि को अपने स्वयं के संसाधनों से IUC का भुगतान जारी रखा।
  • अब तक, पिछले तीन वर्षों में Jio ने अन्य ऑपरेटरों को IUC शुल्क के रूप में लगभग 1,3,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
  • दुर्भाग्य से, 2017 में उपरोक्त आदेश के बाद, पुराने ऑपरेटरों ने अपने 4 जी ग्राहकों के लिए तो वॉयस टैरिफ कम कर दिया पर उन्होंने अपने 35-40 करोड़ 2 जी ग्राहकों के लिए मंहगे टैरिफ जारी रखे।

असल में वॉयस कॉल के लिए टैरिफ बढ़ाकर लगभग रु 1.50  मिनट तक कर दिया गया।

  • वे अपने 2 जी ग्राहकों से डेटा के लिए न्यूनतम 500 / जीबी तक का शुल्क वसूल करते हैं।
  • Jio नेटवर्क पर मुफ्त वॉयस कॉलिंग और 2G नेटवर्क पर अत्यधिक टैरिफ होने की वजह से Airtel और Vodafone-Idea के 35 – 40 करोड़ 2G ग्राहक, Jio ग्राहकों को मिस्ड कॉल देते हैं।
  • Jio नेटवर्क पर रोजाना 25 से 30 करोड़ मिस्ड कॉल प्राप्त होते हैं।
  • अब होता यह है कि जियो नेटवर्क पर मिस्ड कॉल होने से जियो ग्राहक वापस आउटगोइंग कॉलिंग करता है।
  • अन्य नेटवर्क से जियो पर रोजाना होने वाले 25 से 30 करोड़ कॉलिंग (मिस्ड कॉल) से Jio को 65 से 75 करोड़ मिनट इनकमिंग ट्रैफिक मिलना चाहिए था।
  • पर इसके बजाय, Jio ग्राहकों द्वारा किए गए कॉल बैक के परिणामस्वरूप 65 से 75 करोड़ मिनट तक आउटगोइंग ट्रैफ़िक हो जाता है।

अगर मिस्ड कॉल की घटनाओं को निकाल दें तो Jio के लिए ऑफ-नेट वॉयस ट्रैफ़िक सतुंलन ठीक रहेगा।

  • पर अन्य ऑपरेटरों द्वारा अपने 2 जी वॉयस टैरिफ को ऊंचा रखकर असंतुलित बनाया जा रहा है।
  • मोबाइल ट्रैफिक विषमता का हवाला देते हुए हाल ही में ट्राई ने परामर्श पत्र जारी कर IUC पर बंद अध्याय को फिर से खोल दिया है।
  • जिसे IUC रेगुलेशन में संशोधन करके 1 जनवरी 2020 से शून्य बना दिया जाना था।
  • 2017 में IUC रेगुलेशन में संशोधन काफी विचार-विमर्श और परामर्श के बाद किया गया था।
  • इस पृष्ठभूमि में परामर्श पत्र ने अनिश्चितता पैदा कर दी है और Jio को मजबूर कर दिया है कि अपनी अनिच्छा के बावजूद वह सभी ऑफ-नेट मोबाइल वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट के इस नियामक शुल्क को वसूले खासकर तब तक जब तक IUC शुल्क मौजूद हैं।
  • इसलिए, आज से Jio ग्राहकों द्वारा किए गए सभी रीचार्ज पर अन्य मोबाइल ऑपरेटरों को किए गए कॉल पर IUC टॉप-अप वाउचर के माध्यम से 6 पैसा प्रति मिनट की मौजूदा IUC दर से चार्ज लिया जाएगा,
  • जब तक कि TRAI जीरो टर्मिनेशन चार्ज व्यवस्था लागू नही करती।
  • वर्तमान में यह तारीख 1 जनवरी 2020 है।

 

Jio अपने ग्राहकों को उच्चतम मूल्य देने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। और निम्नलिखित पर कोई शुल्क नही होगा:

(A) सभी Jio से Jio कॉल;

(B) सभी इनकमिंग कॉल;

(c) Jio को लैंडलाइन कॉल; तथा

(d) व्हाट्सएप या फेसटाइम और इसी तरह के प्लेटफॉर्म का उपयोग करके की गई कॉल।

 

इसके अतिरिक्त, Reliance Retail के साथ मिलकर Jio यह सुनिश्चित करेगा कि उस 2G उपयोगकर्ता को JioPhone आवंटन में प्राथमिकता मिले, जिसे हमारा Jio उपभोक्ता अक्सर कॉल करता है।

 

IUC टॉप-अप वाउचर की कीमत के बराबर Jio अतिरिक्त डेटा प्रदान करेगा। इस का अर्थ है कि ग्राहकों के लिए टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं है।

 

निम्नलिखित टॉप-अप वाउचर ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप उपलब्ध होंगे:

 

IUC Top-Up Voucher Amount (Rs) IUC Minutes

(non-Jio mobiles) Free Data Entitlement (GB)

10 124 1

20 249 2

50 656 5

100 1,362 10

* Equivalent minutes with IUC charged at 6 paise per minute, with additional charge for GST and processing fee, and duration of each call rounded up to nearest minute.

 

Post-paid customers will be billed at 6 paise per minute for off-net outgoing calls with increase in free data entitlement to the extent mentioned above.

  • Jio  फिर से अपने 35 करोड़ ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि आउटगोइंग ऑफ-नेट मोबाइल कॉल पर 6 पैसा प्रति मिनट का शुल्क केवल तब तक जारी रहेगा जब तक TRAI अपने वर्तमान रेगुलेशन के अनुरूप IUC को समाप्त नहीं कर देता।
  • हम TRAI के साथ सभी डेटा को साझा करेंगे
  • ताकि वह समझ सके कि शून्य IUC उपभोक्ताओं के सर्वोत्तम हित में है।
  • और भारी संख्या में मिस्ड कॉल ने कैसे असंतुलन पैदा किया  है।

हमें उम्मीद है कि IUC शुल्क वर्तमान रेगुलेशन के अनुसार खत्म हो जाएगा और यह अस्थायी शुल्क 31 दिसंबर 2019 तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा

  • इसके बाद उपभोक्ताओं को इस शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
  •  इस बीच, उपभोक्ता IUC टॉप-अप वाउचर के बदले अतिरिक्त डेटा एंटाइटेलमेंट का आनंद लेना जारी रख सकते हैं
  • ताकि 31 दिसंबर 2019 तक प्रभावी टैरिफ वृद्धि न हो।

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