अयोध्या की तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने आरोप लगाया है की उन्हें आगरा ताजमहल में जाने से रोका गया है- जानिए क्या है पूरा मामला।
अयोध्या की तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने आरोप लगाया है की उन्हें आगरा ताजमहल में जाने से रोका गया है। उनका कहना है कि भगवा पहने होने की वजह से उन्हें रोका गया। हालांकि, अफसरों का दावा है कि जगद्गुरु को लोहे का ब्रह्मदंड अंदर ले जाने से मना किया गया था। विवाद बढ़ने पर अफसरों ने माफी भी मांग ली है। परमहंसाचार्य का कहना है कि वे ताजमहल में दबी शिवलिंग देखने पहुंचे थे। शाम 5.35 बजे वो अपने शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश करने लगे तो वहां मौजूद CISF जवानों ने उन्हें रोक दिया। उनके भगवा कपड़ों और लोहे के ब्रह्मदंड को लेकर आपत्ति की गई। यहां बातचीत होने के बाद उनके टिकट ले लिए गए। उनके शिष्य ने जब उनकी फोटो खींचने का प्रयास किया तो मोबाइल छीनकर फोटो डिलीट करवा दिए गए। उन्होंने आगे कहा कि अलीगढ़ के एक भक्त परिवार में एक महिला की तबीयत खराब थी। जिन्हें आशीर्वाद देने के लिए वो अलीगढ़ तक आए थे। फिर वो अपने 3 शिष्यों के साथ आगरा पहुंचे। यहां ताजमहल देखना था। उनके साथ सरकारी गनर भी मौजूद था। श्मशान घाट चौराहे से वो ताजमहल के लिए निकले थे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनका परिचय जानकर गोल्फ कार्ट में बैठाकर पश्चिमी गेट तक भेज दिया।
परमहंसचार्य ने आगे बताया कि वहां खड़े एक दक्षिण भारतीय पर्यटक ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि आपके दाढ़ी है। टोपी लगा लेते तो काम हो जाता। भगवा पहनकर आए ही क्यों हो? परमहंसचार्य के शिष्य परमहंस ने बताया कि हमें गेट पर कहा गया था कि योगी जी को भी भगवा पहनने पर रोका गया था। हम मांग करते हैं कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। परमहंसचार्य के शिष्य परमहंस ने यह भी बताया कि मथुरा, अयोध्या और काशी पर जहां मोबाइल ले जाना भी मना है, वहां भी ब्रह्मदंड को कभी किसी ने नहीं रोका। ब्रह्मदंड लोहे का नहीं लकड़ी का होता है। इसके साथ ही भगवा के कारण अंदर जाने से रोकना चिंताजनक है।
ताजमहल में परमहंस के प्रवेश न देने के बाद हिंदूवादियों ने विरोध तेज कर दिया है। इसको देखते हुए आगरा में एएसआई कार्यालय पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सुबह करीब 11 बजे हिंदूवादी एएसआई के विरोध में पुतला लेकर पहुंच गए। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने पुतला छीन लिया। हिंदू महासभा ने एएसआई के खिलाफ तहरीर दी है। ताजमहल में एंट्री को लेकर चल रहे बवाल के बीच प्रशासन बैकफुट पर आया। हिंदूवादी नेता ब्रह्मदंड और भगवा पहन कर ताजमहल में घुसने के लिए पहुंचे। हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर को ताजमहल में एंट्री दी गई। हालांकि उनसे राम नाम का दुपट्टा उतरवा लिया गया है। अब हिंदूवादी नेता कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।
ताजमहल पर किसी भी तरह का प्रचार प्रतिबंधित है। यहां धार्मिक वेशभूषा जैसे टोपी, कुछ लिखे अंगवस्त्र और किसी भी जगह की वेशभूषा पर रोक नहीं है। इसके बावजूद कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। पहले यहां रामनामी और मॉडल्स के गायत्री मंत्र लिखे दुपट्टे उतरवाने के मामले में काफी विवाद हो चुका है। पूरे प्रकरण पर पुरातत्व अधीक्षक आरके पटेल ने कहा की वो अपने साथ लोहे का एक डंडा लिए थे और उसे साथ ले जाने से मना किया गया था। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें डंडा वहीं रख कर जाने को कहा था पर वो तैयार नहीं हुए। बाहर उन्हें किसने क्या भड़काया यह जानकारी नहीं है। बता दें कि एक दिन पहले ही ताजमहल के सेंट्रल टैंक पर भगवान की फोटो रखकर पूजा करने के दौरान एक दंपति को पकड़ा गया था। उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कहकर माफी मांगी तो उन्हें छोड़ दिया गया था।